गंभीर व्याधियों से जूझ रहे बच्चों के उपचार में मिलेगी मदद, एम्स में होगी पीडियाट्रिक सेंटर की शुरुआत

अनमोल संदेश, भोपाल
एम्स भोपाल में जल्द ही पीडियाट्रिक सेंटर आफ एक्सीलेंस की शुरुआत होगी। जहां बच्चों को सभी प्रकार का इलाज मिल सकेगा। इसमें स्पेशल टीम काम करेगी। बीते दो वर्षों में हृदय रोगों की ओपीडी में 5000 मरीजों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जहां 2021 में 23 सौ के करीब मरीज ओपीडी में पहुंचे थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा सात हजार के पार दर्ज किया गया। इसी प्रकार हृदय से संबंधित सर्जरी की संख्या भी दो वर्ष साल में दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है। जहां साल 2021 में 161 कार्डियक सर्जरी हुई थी, वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2023 में 400 से पार दर्ज किया गया। एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के एचओडी डा. योगेश निवारिया ने बताया कि विभाग को एक विशेष पीडियाट्रिक कार्डियक सेंटर तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए विशेषज्ञों ने विभाग के डाक्टरों को बच्चों में कार्डियक सर्जरी से जुड़ी विशेष जानकारी मुहैया कराई।
बच्ची की जटिल सर्जरी
असिस्टेंट प्रोफेसर कार्डियक सर्जरी विभाग डा. आदित्य सिरोही ने बताया कि बच्चों में दिल के गंभीर रोगों से जुड़ी सर्जरी एम्स में शुरू हो गई है। हाल में एक तीन वर्ष की बच्ची की सर्जरी हुई थी, उसके दिल में आठ छेद थे। चार घंटे की जटिल सर्जरी के बाद सभी छेद बंद किए गए।
तकनीक और सुविधाओं से इलाज हुआ संभव
निदेशक पीडियाट्रिक सर्जरी फोर्टिस अस्पताल ओखला डॉ. केएस अय्यर के अनुसार बच्चों में कार्डियक सर्जरी के मामले में दो बड़ी चुनौतियां आती हैं। एक बीमारी से जुड़ी चुनौतियां होती है, दूसरी मैनपावर है।
बच्चों में हृदय संबंधित रोगों के इलाज के लिए एक टीमवर्क बहुत जरूरी है। संस्थान के प्रति हृदय रोगियों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए एम्स भोपाल में जल्द ही पीडियाट्रिक सेंटर आफ एक्सीलेंस की शुरुआत की जाएगी।
-प्रो. डॉ. अजय सिंह, निदेशक,
एम्स भोपाल
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