सावन के चौथे सोमवार पर बम-भोले की गूंज...

देशभर के शिवालयों मे हर -हर महादेव की नारे की गुंज सुनाई दे रही है वही छत्तीसगढ़ के खजुराहो भोरमदेव मंदिर सावन के चौथे सोमवार को भक्तों की ताता सुबह से लगा है,भगवान भोलेनाथ का अतिप्रिय मास माना जाता है एक लोटा जल मात्र चढाने से भगवान अपने भक्तों पर प्रसन्न रहते है। 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है इस बार दो माह तक श्रावण मास है जो भक्तों के लिये विशेष महत्व रखता है। वही बार भगवान भोलेनाथ के अतिप्रिय मास के साथ मल मास भी जो भगवान विष्णु का अतिप्रिय मास है और भगवान भोलेनाथ व भगवान विष्णु की विशेष कृपा भक्तों पर रहेगी। बड़ी संख्या मे कांवरियों का दल जलभिषेक करने अमरकंटक से जल लेकर पहुंच रहे है सुबह 5 बजे से मंदिर का पट खुल जाता है कांवरियों के द्वारा जलभिषेक किया जाता है। भोरमदेव मंदिर की मान्यता है यहा पर मनोकामनाएं भी पुरी होती है।11 वी शताब्दी का इस प्राचीन मंदिर मे अपने कलाकृतियों के साथ अपनी खूबसूरती के लिये भी जाना जाता है,मैकल श्रेणी पर्वत के बीचोबीच विराजमान भोरमदेव मंदिर मे देश विदेश से लोग दर्शन करने पहुचते है भक्त। सावन महिने भक्तों के लिये ज्वाईन हेंड समाजिक संस्था के द्वारा अब 60 हजार अधिक श्रध्दालुओं को भोजन करा चुके है भंडारा मे बड़ी संख्या मे लोग प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते है।