महंगाई से हटकर मंगलसूत्र पर ठहरी

मुस्ताअली बोहरा
लोकसभा 2024 का चुनाव अब आम जनता की बुनियादी जरूरतों और सरकार की जवाबदेही से हटकर बेमानी बयानों और आरोप-प्रत्यारोपों पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की एक जनसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अपने भाषण में मंगलसूत्र का जिक्र किया था। इसके बाद से भाजपा, कांग्रेस, सपा और अन्य राजनीतिक दलों ने मंगलसूत्र को आधार बनाते हुए टीका टिप्प्णी शुरू कर दी है। मोदी जी ने अपने भाषणों में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि नौकरीपेशा लोगों के कमाए हुए धन और जमीन-मकान का भी सर्वे कराया जाएगा। यदि आपके पास दो घर हैं, तो एक घर छीन लिया जाएगा और उसे ज्यादा बच्चों वालों में बांट दिया जाएगा। कांग्रेस की यह नक्सलवादी सोच उसके चुनाव घोषणा-पत्र में साफ दिखती है। क्या आप ऐसी सरकार बनने देंगे? देश के आर्थिक संसाधनों पर शहरी नक्सलियों का कब्जा होगा। आखिर मोदी जी ने ये किस आधार पर कहा है कि हिंदू माताओं-बहनों के 'मंगलसूत्र तक बांट दिए जाएंगे? मोदी जी ने डॉ. मनमोहन सिंह के 9 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में दिए गए बयान की व्याख्या की है लेकिन ऐसा कुछ है नहीं जो मोदी जी ने कहा। तब तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने नई योजनाओं के संदर्भ में दलित, आदिवासी, ओबीसी, महिलाओं और बच्चों के साथ ही मुस्लिम अल्पसंख्यकों की भी बात कही थी। ये सभी जानते हैं कि संसाधनों पर किसी एक तबके या समुदाय का पहला हक नहीं हो सकता। यही वजह है कि तब मनमोहन सिंह के बयान की भी तीखी आलोचना की गई थी। एक बड़े मतदाता वर्ग को लुभाने के लिए दूसरे समुदाय को टारगेट करना, मोदी जी के सबका साथ-सबका विकास के दावे को झुठलाते नजर आते हैं। कांग्रेस के चुनाव घोषणा-पत्र में ऐसा कोई भी वायदा नहीं है, जैसा प्रधानमंत्री ने बताया है। 'मंगलसूत्र छीनने और बांटने की भी घोषणा नहीं की गई है। ये जरूर है कि जातीय जनगणना, जातियों-उपजातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों का पता लगाने, मुसलमानों के सशक्तिकरण, सर्वे के आधार पर भागीदारी और अधिकार तय करने की बात घोषणा-पत्र में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हैदराबाद की रैली में कहा था कि यह आर्थिक सर्वे भी कराया जाएगा कि किस वर्ग के पास कितना धन है। इसमें मां-बहनों के 'मंगलसूत्रÓ और गहने कहां से आ गए? कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर मोदी जी ने जो व्याख्या की और उसका अपने भाषणों में जिक्र किया है उससे उसे भाजपा को घेरने का मौका मिल गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिाकुर्जन खडग़े ने कहा कि वो कांग्रेस के घोषणा पत्र की ब्यौरा विस्तार से बताएंगे साथ ही प्रधानमंत्री से पूछेंगे कि जो आप कह रहे हैं वो कहां लिखा है।
जो भी हो संपत्ति बटवारे, सोने-चांदी के गहने और मंगलसूत्र को लेकर सियासत तेज हो गई है। मोदी के बयान पर विपक्ष के नेताओं ने तीखी टिप्पणी की है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को मंगलसूत्र से क्या लेना देना है। कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि पिछले करीब 70 सालों में 5 दशक से ज्यादा समय तक कांग्रेस की सरकार रही तब क्या किसी ने आपका सोना छीना और आपके मंगलसूत्र छीने। प्रियंका ने ये भी कहा कि जब देश में जंग हुई थी तब इंदिरा गांधी ने अपना सोना देश को दिया था और मेरी मांग का मंगलसूत्र यानि राजीव गांधी देश पर कुर्बान हुए हैं। प्रियंका ने कहा कि जब सैकड़ों किसानों की जानें गईं तो क्या मोदी जी ने उन विधवाओं के मंगलसूत्र के बारे में सोचा। जब मणिपुर में महिला को नग्न घुमाया गया तब उन्होंने उनके मंगलसूत्र के बारे में सोचा। इसी तरह तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि माताओं-बहनों का सुहाग कौन छीन रहा है। चीन के हमले में सेना के जवान शहीद हुए तो सुहान किसने छीना। पुलवामा में जिन जवानों ने शहादत दी तो सुहाग किसने छीना। किसान आंदोलन में किसानों ने शहादत दी तो सुहाग किसने छीना। बेरोजगादी, गलत कृषि नीति और बदहाल अर्थव्यवस्था के कारण किसान, व्यापारी और युवाओं ने आत्महत्याएं कीं तो सुहान किसने छीना। 2014 में दस ग्राम सोना 24 हजार का था और 73 हजार रूपए का हो गया, माताएं-बहनें आज नया मंगलसूत्र भी नहीं बनवा सकतीं। तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदी जी इधर-उधर की छोडि़ए बात बेरोजगारी, मंहगाई और बदहाल अर्थव्यवस्था की कीजिए। खैर, बात मोदी जी के भाषणों की तो पहले चरण के बाद जिस तरह से मोदी जी ने अपने भाषणों का रूख बदला है उससे ये महसूस हो रहा है कि पार्टी अपने पुराने हिंदुत्व के एजेंडे पर लौट रही है। मोदी जी ने जिस तरह से ज्यादा बच्चे, घुसपैठिए, मंगलसूत्र, सोने-चांदी के गहनों को छीनकर ज्यादा बच्चे वालों को बांटने आदि के बयानों ने वोटों के धु्रवीकरण की कोशिश की है उससे एक बड़ा वर्ग हतप्रभ है।
(साभार)
Files
What's Your Reaction?






