रामकथा पर भारी पड़ी तेज हवा और बेमौसम बारिश

नवरात्रि महापर्व के दौरान शहर में हो रहे धार्मिक अनुष्ठानों, रामकथा, भागवत कथाओं के आयोजनों पर बेमौसम की बारिश भारी पड़ रही है। दरअसल इन आयोजनों में लगाए टेंट और अन्य तैयारियों पर तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश ने पानी फेर दिया है। बारिश के चलते इन कथा पंडालों में श्रोता-श्रद्धालुओं की भीड़ न के बराबर हो रही है, दिनभर तेज धूप के बाद रोजाना ही शाम करीब 3 से 5 बजे के बीच आंधी, पानी, बारिश की स्थिति बन जाती है, जिससे कथा विश्राम के समय आरती और प्रसादी वितरण में भी आयोजकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कथा के पहले ही दिन आई समस्या
खेलग्राम के समीप गोरागांव में नवरात्रि के प्रथम दिवस मंगलवार को श्रीराम कथा आयोजन को लेकर कलश यात्रा तो ठीक से निकल गई, लेकिन कथा के पहले ही दिन बुधवार को बेमौसम की बारिश ने कथा में कई प्रकार की अड़चनें पैदा कर दीं। यहां उज्जैन से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं. रामजाने जी महाराज द्वारा 10 से 16 अप्रैल तक श्रीरामकथा पर संगीतमय प्रवचन चल रहे हैं। 'कलियुग तरण उपाय न कोई, राम भजन, रामायण दोई।Ó तुलसीकृत रामचरित मानस की इन चौपाइयों के साथ आचार्यश्री श्रीराम कथा की महत्ता पर सविस्तार प्रकाश डाल रहे थे। तभी अचानक शाम 4 बजे के बाद तेज हवा और पानी की बौछारों ने आयोजकों को ही नहीं, श्रद्धालुओं को भी ठीक से बैठने नहीं दिया। हालांकि कथा का विश्राम हो गया था, लेकिन हवा और पानी के चलते लोग इधर-उधर पानी से बचने के लिए भागते रहे। इस दौरान बिजली भी बार-बार आती-जाती रही, जिससे कथा में बाधा झेलनी पड़ी। आचार्यश्री रामजाने जी महाराज ने कहा कि किसी भी शुभ और बड़े कार्यों में छोटी-मोटी बाधाओं से घबराना नहीं चाहिए।
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