अरविंद केजरीवाल के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री की कमान किसे मिलेगी?जानिए सुनीता केजरीवाल ने क्या कहा

Sep 16, 2024 - 17:07
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 अरविंद केजरीवाल के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री की कमान किसे मिलेगी?जानिए सुनीता केजरीवाल ने क्या कहा

13 सितंबर 2024 की शाम को दिल्ली की तिहाड़ जेल के बाहर लोगों की भीड़ जुटी थी.ये भीड़ तीन महीने से भी ज़्यादा समय बाद अपने नेता की एक झलक पाने के लिए उत्साहित थी.थोड़ी देर बाद अरविंद केजरीवाल बाहर आए और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहते हैं- जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कम नहीं कर सकीं.

उस दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद बाहर आए थे.दो दिन बाद 15 सितंबर को एक बार फिर इन्हीं आप कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी और जगह थी आम आदमी पार्टी का दिल्ली दफ़्तर. मंच पर अरविंद केजरीवाल बोल रहे थे और उनके पीछे पार्टी के दूसरे सीनियर नेता बैठे थे. फिर जो हुआ उसकी शायद तब तक वहाँ बैठे कार्यकर्ताओं ने उम्मीद नहीं की होगी.अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''दोस्तो! आज से दो दिन बाद मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी से इस्तीफ़ा देने जा रहा हूँ.''.

फिर केजरीवाल ने कहा, ''मैं जब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता अपना फ़ैसला न सुना दे. मैं जनता के बीच जाऊंगा. फ़रवरी में चुनाव हैं. आज मैं इस मंच से मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र के साथ कराया जाए.''''दो दिन में आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी, उसमें नए मुख्यमंत्री का नाम तय होगा. जब तक चुनाव नहीं होते हैं, तब तक मेरी जगह आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा.''लेकिन ये कोई और आख़िर कौन है? केजरीवाल और आम आदमी पार्टी किस पर भरोसा जताएंगे?


केजरीवाल की जगह कौन? ऐसा नहीं है कि ये सवाल पहली बार पूछा जा रहा हो.जब से केजरीवाल कथित शराब घोटाले के आरोप में जेल गए थे, तब से ही विपक्षी दल बीजेपी इस बात को प्रमुखता से उठाती रही है कि केजरीवाल इस्तीफ़ा दें. तभी यही सवाल पूछा जाता था कि केजरीवाल की जगह कौन लेगा?अब चूंकि केजरीवाल ने ख़ुद इस्तीफ़े की घोषणा की है तो ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी के संभावित चेहरे कौन हैं?

सुनीता केजरीवाल

इस साल अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी से पहले तक तो कमोबेश उनकी यही पहचान थी. लेकिन केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद अचानक राजनीति में उनकी सक्रियता ने उनकी पहचान का दायरा बढ़ा दिया है.31 मार्च 2024 को दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी दलों की संयुक्त रैली में संबोधन हो या समय-समय पर केजरीवाल से जुड़ी जानकारी देना हो, सुनीता केजरीवाल अक़्सर मीडिया की सुर्खियां बनती रहीं.इस दौरान उन्होंने कई मौक़ो पर प्रधानमंत्री मोदी से भी सीधे सवाल पूछे. केजरीवाल की ग़ैर-मौजूदगी में सुनीता एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरीं.लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार और रोड शो किए थे. इसके अलावा कुछ मौक़ों पर उन्होंने विधायकों संग बैठक भी की थी.

अभी आम आदमी पार्टी में फ़िलहाल उनके कद का अंदाज़ा एक उदाहरण से लगाया जा सकता है. आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों के लिए 40 नेताओं की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में अरविंद केजरीवाल के ठीक नीचे और दूसरे नंबर पर सुनीता केजरीवाल का नाम था.

हालांकि, बीजेपी सुनीता केजरीवाल का नाम लेकर लगातार अरविंद केजरीवाल पर परिवारवाद का आरोप लगाती रहती है.

बीजेपी के नेता तंज कसते हुए उन्हें 'दिल्ली की राबड़ी देवी तक बता चुके हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की ग़ैर-मौजूदगी में सुनीत केजरीवाल को जनता के बीच आना पड़ा.

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