नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री पद पर दिए बयान से शुरू हुई ये बहस

Sep 16, 2024 - 17:00
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नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री पद पर दिए बयान से शुरू हुई ये बहस

इन तीनों नेताओं के बयान सुर्खियों में हैं. राव इंद्रजीत और अनिल विज ने तो खुलकर हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी पेश की.वहीं नितिन गडकरी के एक बयान को भी विपक्ष के कुछ नेता उसी रूप में देख रहे हैं. पिछले हफ़्ते केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया, ''मुझसे किसी नेता ने कहा कि अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं तो हम लोग आपका समर्थन करेंगे.''

 विपक्षी नेता नितिन गडकरी को बीजेपी के एक ऐसे नेता के रूप में पेश करते रहे हैं, जिनके पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से संबंध अच्छे नहीं हैं.ऐसी अटकलों को हवा कई बार गडकरी के कुछ बयानों से भी मिली. इन बयानों को जानकारों ने संकेत की तरह देखा. इसी कड़ी में गडकरी का ताज़ा बयान भी शामिल है.नितिन गडकरी ने क्या कहा?

14 सितंबर 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में शिरकत की.

इस कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ''मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन एक बार किसी ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हो तो हम आपका समर्थन करेंगे.''

गडकरी ने कहा, ''मैंने पूछा कि आप मेरा समर्थन क्यों करेंगे और मैं आपका समर्थन क्यों लूं? प्रधानमंत्री बनना मेरी ज़िंदगी का लक्ष्य नहीं है. मैं अपने संगठन और प्रतिबद्धता के प्रति ईमानदार हूँ. मैं किसी पद के लिए इससे समझौता नहीं करूंगा. मेरे लिए दृढ़ता सर्वोपरि है.''गडकरी कहते हैं- कभी न कभी मुझे लगता है कि ये दृढ़ता ही भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताक़त है.गडकरी के बारे में कहा जाता है कि वह विपक्षी पार्टियों में भी अच्छी पैठ रखते हैं.

हाल ही में अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के कार्यक्रम 'आइडिया एक्सचेंज' में गडकरी से इसे लेकर सवाल पूछा गयागडकरी से पूछा गया, ''आप उन कुछ बीजेपी नेताओं में से हैं, जो विपक्ष को दुश्मन या देश विरोधी नहीं मानते हैं. इस संदर्भ में क्या मज़बूत विपक्ष राजनीति के लिए बेहतर है या तब ठीक था जब सदन में बीजेपी बहुमत में थी?''गडकरी ने जवाब दिया, ''हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं. लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्षी दल होते हैं. ये कार या ट्रेन के पहियों की तरह अहम होते हैं और संतुलन ज़रूरी होता है. हम सौभाग्यशाली हैं कि हम विपक्ष में थे और अब सरकार में भी हैं. सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास. हमारी भावना यही होनी चाहिए.''

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