लड़कियों से दोस्ती का लालच देकर बनाया पाकिस्तानी जासूस:PAK हाईकमीशन था अड्डा; यूट्यूबर ज्योति के पिता बोले- नहीं पता, क्या करती थी
हिसार की ज्योति मल्होत्रा, कैथल का देविंदर सिंह, कैराना का नौमान, नूंह का अरमान और तारीफ, जालंधर का मोहम्मद मुर्तजा, मलेरकोटला की गजाला और यामीन, कुल तीन राज्यों के 11 लोग। सभी पर एक आरोप, ये पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे। ज्यादातर में एक और कॉमन कनेक्शन है- दानिश। दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन में अफसर रहे दानिश पर ISI के लिए काम करने का शक है। भारत सरकार ने 13 मई, 2025 को दानिश को 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दे दिया। इससे पहले ही पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों की धरपकड़ शुरू हो चुकी थी। शुरुआत हुई गजाला से। अब तक 11 लोग पकड़े जा चुके हैं। ये सभी पंजाब, हरियाणा और UP से हैं। बदले में इन्हें लड़कियों से दोस्ती, पैसे, घूमने का लालच दिया गया था। 1. ज्योति मल्होत्रा, हिसार, हरियाणा जासूसी के शक में पकड़े गए लोगों में सबसे चर्चित नाम यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का है। पंजाब-हरियाणा पुलिस ने ज्योति को 16 मई को अरेस्ट किया था। ISI के हैंडलर दानिश से उसके करीबी रिश्ते थे। पाकिस्तान में वो ISI के एजेंट्स से मिलती थी। जांच के दौरान पता चला कि पहलगाम अटैक से करीब दो महीने पहले ज्योति पहलगाम गई थी। दावा ये भी है कि ऑपरेशन सिंदूर से एक दिन पहले 6 मई को ज्योति दिल्ली में थी। अगले कुछ दिन वो दानिश के कॉन्टैक्ट में रही। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के हमले की वजह से किए गए ब्लैक आउट के वक्त भी वो अपने हैंडलर्स के संपर्क में रही। ज्योति दो बार पाकिस्तान जा चुकी है। वहां वो पंजाब की CM मरियम शरीफ से मिली। ज्योति पाकिस्तान के अलावा चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड और भूटान भी जा चुकी है। जांच एजेंसियों को शक है कि उसके टूर स्पॉन्सर किए जाते थे। हालांकि, पूछताछ में ज्योति ने कहा कि वो ट्रैवल व्लॉगर है और सिर्फ शौक के लिए वीडियो बनाती है। पिता बोले- क्या करती थी, कितनी बार पाकिस्तान गई, नहीं पता
ज्योति का परिवार हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी में रहता है। दो कमरों के घर में अब सिर्फ पिता और ताऊ हैं। पिता हरीश मल्होत्रा को यकीन नहीं है कि उनकी बेटी ज्योति पाकिस्तान की जासूस हो सकती है। दैनिक भास्कर ने ज्योति, उस पर लगे आरोपों और उसकी गिरफ्तारी पर हरीश से बात की। वे कहते हैं, ‘ज्योति पढ़ाई में बहुत तेज थी। एक बार दो क्लास की पढ़ाई एक साथ की और दोनों में पास हो गई। कॉलेज के बाद दिल्ली चली गई थी। कुछ साल प्राइवेट नौकरी की। क्या नौकरी करती थी, मुझे नहीं पता। नौकरी छोड़ने के बाद वीडियो बनाने लगी थी।’ ‘पाकिस्तान गई होगी, तो इनसे (सरकार) परमिशन लेकर गई होगी। ये सब तो पुलिसवाले बता रहे हैं। वो तो नहीं कह रही। मेरे हिसाब से उस पर लगे आरोप गलत हैं। उसे जितने दिन का समय दिया था, उतने समय में वो वापस भी आ गई। किसी के पास जाएंगे तो चाय पिएंगे, खाना खाएंगे और बातचीत तो करेंगे ही।’ हरीश कहते हैं, ‘हमारा घर बड़े भाई की पेंशन से चलता है। कभी-कभी ज्योति भी पैसे दे देती है। 15 मई की सुबह करीब 10 बजे पुलिस आई और बिना कुछ बताए सीधे अंदर वाले कमरे में घुस गई। ज्योति और मेरे भाई वहीं थे। पुलिस ने कपड़े वगैरह खंगालने शुरू कर दिए। उन्हें जो सामान चाहिए था, उसे लेकर चले गए।’ ज्योति का लैपटॉप और हम सभी के मोबाइल फोन ले गए। उसके सारे डॉक्यूमेंट्स भी ले गए। पुलिस ने मुझसे तो बात भी नहीं की। आधे घंटे बाद वे ज्योति को ले गए। मुझे कोई पेपर या वारंट नहीं दिखाया। हरीश आगे कहते हैं, ‘15 मई की रात 9:15 बजे पुलिस ने ज्योति को घर छोड़ दिया। 16 मई को उसे फिर थाने बुलाया। सुबह वो स्कूटी से थाने गई। रात में पुलिसवाले साथ लेकर आए। पासपोर्ट के साथ उसे भी लेकर चले गए। मैं 17 मई को कोर्ट में ज्योति से मिला था, लेकिन कोई बात नहीं हुई।’ पाकिस्तान जाने या किसी से मिलने के बारे में हरीश कहते हैं, ‘उसने मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया। मुझे नहीं पता कि वो कितनी बार पाकिस्तान गई। पुलिसवाले मेरा फोन भी ले गए हैं, उसमें क्या मिलेगा।’ पड़ोसी बोले- ज्योति के बारे में ज्यादा नहीं जानते
ज्योति हरीश की इकलौती बेटी है। वो छोटी थी, तभी हरीश का पत्नी से तलाक हो गया था। मां हिसार में ही किराये के मकान में रहती हैं। ज्योति पिता के साथ रहने लगी। हरीश के मुताबिक, ज्योति की कॉलेज तक की पढ़ाई हिसार में ही हुई। वे कहते हैं, ‘दो-तीन साल से वो वीडियो का काम कर रही थी। पहले दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करती थी। लॉकडाउन में वापस हिसार आ गई थी।’ क्या ज्योति ट्रैवल और वीडियो बनाने के बारे में बताती थी? हरीश कहते हैं, ‘इन चीजों के बारे में न मैंने कभी पूछा, न ज्योति ने कभी बताया। मैं ज्योति के वीडियो नहीं देखता था। मेरे पास स्मार्टफोन नहीं है।’ हमने पड़ोस के लोगों से भी ज्योति के बारे में बात की। कोई भी ऑन रिकॉर्ड बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। दुकान चलाने वाले एक शख्स बताते हैं, ज्योति के बारे में यहां ज्यादा कोई नहीं जानता। वो ज्यादातर बाहर ही रहती हैं। हमने कभी उसका वीडियो भी नहीं देखा। पड़ोस में ही दुकान चलाने वाली एक महिला बताती हैं, ‘अब लोग ज्योति को जानने लगे हैं। पहले तो आसपास किसी से उसकी बात नहीं होती थी।’ हालांकि, पिता हरीश कहते हैं कि ज्योति अपने काम के अलावा हिसार में ही रहती है। सिर्फ काम के लिए ही बाहर जाती है। दानिश के कहने पर पाकिस्तान गई थी ज्योति
13 मई, 2025 को विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन में काम कर रहे एक अधिकारी को 'Persona non grata' यानी अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नाम के इस अधिकारी को 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। केस की FIR के मुताबिक, ज्योति 2023 में वीजा के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी। यहीं दानिश से मिली। दोनों में दोस्ती हो गई। इसके बाद ज्योति दो बार पाकिस्तान गई। पहली बार अप्रैल 2024 में और फिर मार्च 2025 में। ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ पर एक वीडियो है, ज
हिसार की ज्योति मल्होत्रा, कैथल का देविंदर सिंह, कैराना का नौमान, नूंह का अरमान और तारीफ, जालंधर का मोहम्मद मुर्तजा, मलेरकोटला की गजाला और यामीन, कुल तीन राज्यों के 11 लोग। सभी पर एक आरोप, ये पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे। ज्यादातर में एक और कॉमन कनेक्शन है- दानिश। दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन में अफसर रहे दानिश पर ISI के लिए काम करने का शक है। भारत सरकार ने 13 मई, 2025 को दानिश को 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दे दिया। इससे पहले ही पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों की धरपकड़ शुरू हो चुकी थी। शुरुआत हुई गजाला से। अब तक 11 लोग पकड़े जा चुके हैं। ये सभी पंजाब, हरियाणा और UP से हैं। बदले में इन्हें लड़कियों से दोस्ती, पैसे, घूमने का लालच दिया गया था। 1. ज्योति मल्होत्रा, हिसार, हरियाणा जासूसी के शक में पकड़े गए लोगों में सबसे चर्चित नाम यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का है। पंजाब-हरियाणा पुलिस ने ज्योति को 16 मई को अरेस्ट किया था। ISI के हैंडलर दानिश से उसके करीबी रिश्ते थे। पाकिस्तान में वो ISI के एजेंट्स से मिलती थी। जांच के दौरान पता चला कि पहलगाम अटैक से करीब दो महीने पहले ज्योति पहलगाम गई थी। दावा ये भी है कि ऑपरेशन सिंदूर से एक दिन पहले 6 मई को ज्योति दिल्ली में थी। अगले कुछ दिन वो दानिश के कॉन्टैक्ट में रही। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के हमले की वजह से किए गए ब्लैक आउट के वक्त भी वो अपने हैंडलर्स के संपर्क में रही। ज्योति दो बार पाकिस्तान जा चुकी है। वहां वो पंजाब की CM मरियम शरीफ से मिली। ज्योति पाकिस्तान के अलावा चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, थाईलैंड और भूटान भी जा चुकी है। जांच एजेंसियों को शक है कि उसके टूर स्पॉन्सर किए जाते थे। हालांकि, पूछताछ में ज्योति ने कहा कि वो ट्रैवल व्लॉगर है और सिर्फ शौक के लिए वीडियो बनाती है। पिता बोले- क्या करती थी, कितनी बार पाकिस्तान गई, नहीं पता
ज्योति का परिवार हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी में रहता है। दो कमरों के घर में अब सिर्फ पिता और ताऊ हैं। पिता हरीश मल्होत्रा को यकीन नहीं है कि उनकी बेटी ज्योति पाकिस्तान की जासूस हो सकती है। दैनिक भास्कर ने ज्योति, उस पर लगे आरोपों और उसकी गिरफ्तारी पर हरीश से बात की। वे कहते हैं, ‘ज्योति पढ़ाई में बहुत तेज थी। एक बार दो क्लास की पढ़ाई एक साथ की और दोनों में पास हो गई। कॉलेज के बाद दिल्ली चली गई थी। कुछ साल प्राइवेट नौकरी की। क्या नौकरी करती थी, मुझे नहीं पता। नौकरी छोड़ने के बाद वीडियो बनाने लगी थी।’ ‘पाकिस्तान गई होगी, तो इनसे (सरकार) परमिशन लेकर गई होगी। ये सब तो पुलिसवाले बता रहे हैं। वो तो नहीं कह रही। मेरे हिसाब से उस पर लगे आरोप गलत हैं। उसे जितने दिन का समय दिया था, उतने समय में वो वापस भी आ गई। किसी के पास जाएंगे तो चाय पिएंगे, खाना खाएंगे और बातचीत तो करेंगे ही।’ हरीश कहते हैं, ‘हमारा घर बड़े भाई की पेंशन से चलता है। कभी-कभी ज्योति भी पैसे दे देती है। 15 मई की सुबह करीब 10 बजे पुलिस आई और बिना कुछ बताए सीधे अंदर वाले कमरे में घुस गई। ज्योति और मेरे भाई वहीं थे। पुलिस ने कपड़े वगैरह खंगालने शुरू कर दिए। उन्हें जो सामान चाहिए था, उसे लेकर चले गए।’ ज्योति का लैपटॉप और हम सभी के मोबाइल फोन ले गए। उसके सारे डॉक्यूमेंट्स भी ले गए। पुलिस ने मुझसे तो बात भी नहीं की। आधे घंटे बाद वे ज्योति को ले गए। मुझे कोई पेपर या वारंट नहीं दिखाया। हरीश आगे कहते हैं, ‘15 मई की रात 9:15 बजे पुलिस ने ज्योति को घर छोड़ दिया। 16 मई को उसे फिर थाने बुलाया। सुबह वो स्कूटी से थाने गई। रात में पुलिसवाले साथ लेकर आए। पासपोर्ट के साथ उसे भी लेकर चले गए। मैं 17 मई को कोर्ट में ज्योति से मिला था, लेकिन कोई बात नहीं हुई।’ पाकिस्तान जाने या किसी से मिलने के बारे में हरीश कहते हैं, ‘उसने मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया। मुझे नहीं पता कि वो कितनी बार पाकिस्तान गई। पुलिसवाले मेरा फोन भी ले गए हैं, उसमें क्या मिलेगा।’ पड़ोसी बोले- ज्योति के बारे में ज्यादा नहीं जानते
ज्योति हरीश की इकलौती बेटी है। वो छोटी थी, तभी हरीश का पत्नी से तलाक हो गया था। मां हिसार में ही किराये के मकान में रहती हैं। ज्योति पिता के साथ रहने लगी। हरीश के मुताबिक, ज्योति की कॉलेज तक की पढ़ाई हिसार में ही हुई। वे कहते हैं, ‘दो-तीन साल से वो वीडियो का काम कर रही थी। पहले दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करती थी। लॉकडाउन में वापस हिसार आ गई थी।’ क्या ज्योति ट्रैवल और वीडियो बनाने के बारे में बताती थी? हरीश कहते हैं, ‘इन चीजों के बारे में न मैंने कभी पूछा, न ज्योति ने कभी बताया। मैं ज्योति के वीडियो नहीं देखता था। मेरे पास स्मार्टफोन नहीं है।’ हमने पड़ोस के लोगों से भी ज्योति के बारे में बात की। कोई भी ऑन रिकॉर्ड बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। दुकान चलाने वाले एक शख्स बताते हैं, ज्योति के बारे में यहां ज्यादा कोई नहीं जानता। वो ज्यादातर बाहर ही रहती हैं। हमने कभी उसका वीडियो भी नहीं देखा। पड़ोस में ही दुकान चलाने वाली एक महिला बताती हैं, ‘अब लोग ज्योति को जानने लगे हैं। पहले तो आसपास किसी से उसकी बात नहीं होती थी।’ हालांकि, पिता हरीश कहते हैं कि ज्योति अपने काम के अलावा हिसार में ही रहती है। सिर्फ काम के लिए ही बाहर जाती है। दानिश के कहने पर पाकिस्तान गई थी ज्योति
13 मई, 2025 को विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन में काम कर रहे एक अधिकारी को 'Persona non grata' यानी अवांछित व्यक्ति घोषित किया है। अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नाम के इस अधिकारी को 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया। केस की FIR के मुताबिक, ज्योति 2023 में वीजा के लिए पाकिस्तान हाई कमीशन गई थी। यहीं दानिश से मिली। दोनों में दोस्ती हो गई। इसके बाद ज्योति दो बार पाकिस्तान गई। पहली बार अप्रैल 2024 में और फिर मार्च 2025 में। ज्योति के यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ पर एक वीडियो है, जिसमें वो पाकिस्तानी दूतावास में दानिश और उनकी पत्नी के साथ दिख रही हैं। ये वीडियो 30 मार्च 2024 को अपलोड किया गया था। FIR के मुताबिक, ज्योति ने पूछताछ में माना कि दानिश के कहने पर वो पाकिस्तान में अली अहवान से मिली थी। अली ने उसके रुकने और घूमने-फिरने का इंतजाम किया था। उसे सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस अफसरों से मिलवाया। वहीं वो शाकिर और राणा शहबाज से भी मिली। दोनों ISI के लिए काम करते थे। ज्योति ने शाकिर का नंबर लिया और जट रंधावा के नाम से सेव किया, ताकि किसी को शक न हो। फिर वो वापस आ गई। SP बोले- ज्योति के बारे में सेंट्रल एजेंसी से इनपुट मिला
FIR में लिखा है कि भारत आने के बाद ज्योति वॉट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पाकिस्तानियों के कॉन्टैक्ट में रही। वो दिल्ली में दानिश से कई बार मिली। ज्योति की गिरफ्तारी के बाद हिसार के SP शशांक कुमार सावन ने 18 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने बताया, ‘ज्योति पाकिस्तान जाना एक तरह से स्पॉन्सर्ड ट्रिप था। इन लोगों को लगता है कि इस तरीके से विजिट करने से आसानी से पैसे आएंगे। इन्हें पता नहीं होता है कि वे कैसे गलत रास्ते पर चले जाते हैं और उनका गलत इस्तेमाल होता है।’ ‘हमें पता चला है कि पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स कुछ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी पर हमें सेंट्रल एजेंसी से इनपुट मिला था। इसी आधार पर ज्योति मल्होत्रा को गिरफ्तार किया गया। हम उसके वित्तीय लेन-देन और ट्रैवल डिटेल्स की जांच कर रहे हैं।’ क्या ज्योति ने कोई संवेदनशील जानकारी शेयर की है? SP कहते हैं, ‘अभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच हो रही है। इसके बाद ही कुछ बताया जाएगा। पुलिस के पास अब तक सबूत नहीं है कि ज्योति के पास कोई जानकारी थी। ऐसा कोई लिंक भी साबित नहीं हुआ है।’ हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हिसार रणनीतिक लोकेशन हैं, ऐसे में पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ ज्योति का कॉन्टैक्ट में रहना खतरे की घंटी की तरह है। ज्योति काफी दिनों से इंटेलिजेंस एजेंसी की रडार पर थी। उसके ट्रैवल को मॉनिटर किया जा रहा था। जासूसी के आरोप में हरियाणा और पंजाब से अरेस्ट किए गए लोगों का ज्योति से कोई कनेक्शन है? इस पर SP ने जवाब दिया- ये सब अभी जांच का विषय है। पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान भी पाकिस्तानियों के संपर्क में थी
SP शशांक कुमार सावन ने बताया, ‘भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान ज्योति पाकिस्तान के इंटेलिजेंस अफसरों के संपर्क में थीं। हालांकि, ज्योति के पास मिलिट्री या सिक्योरिटी से जुड़ी कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी। लैपटॉप और फोन की फोरेंसिक जांच से पता चलेगा कि उसने क्या-क्या शेयर किया है।’ 2. देविंदर सिंह, कैथल, हरियाणा 25 साल का देविंदर मस्तगढ़ गांव का रहने वाला है। वो पटियाला के खालसा कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस से MA कर रहा है। 12 मई को कैथल पुलिस ने उसे फेसबुक पर हथियार के साथ फोटो अपलोड करने पर गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसके पाकिस्तान में लिंक पता चले। नवंबर, 2024 में वो करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान के ननकाना साहिब गया था। वहीं खुफिया अफसरों के संपर्क में आया। पता चला है कि धार्मिक यात्रा के दौरान एक लड़की ने उसे हनी ट्रैप में फंसा लिया। देविंदर 7 दिन उसके साथ रहा। युवती ने उसे जासूसी की ट्रेनिंग दिलाई। फिर ISI के 5 एजेंट से मिलवाया। लड़की ने उसे लालच दिया कि अगर वो खुफिया जानकारियां देगा, तो उसकी दोस्ती और लड़कियों से कराएगी। इसके अलावा पैसे भी मिलेंगे। कैथल के DSP बीरभान के मुताबिक, देविंदर ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तानी अधिकारियों को दी थीं। उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट और देशद्रोह के केस दर्ज किया गया है। साइबर पुलिस उससे मिली डिवाइस की जांच कर रही है। उसके बैंक अकाउंट की भी जांच की जा रही है। 3. अरमान, नूंह, हरियाणा पुलिस ने जासूसी के शक में 16 मई को हरियाणा के नूंह से अरमान को पकड़ा है। 26 साल का अरमान राजाका गांव का रहने वाला है। उस पर सेना की संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ शेयर करने का आरोप है। अरमान को 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोप है कि उसने पाकिस्तानी एजेंट को भारत के सिम कार्ड दिलाए थे। अरमान 2023 से भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तान को दे रहा था। नूंह के DSP अजायब सिंह के मुताबिक, खुफिया इनपुट के आधार पर अरमान को गिरफ्तार किया गया। उसकी डिटेल्स निकाली जा रही हैं। उसके पासपोर्ट और मोबाइल की जांच चल रही है। 4. मोहम्मद तारीफ, नूंह, हरियाणा अरमान के बाद 18 मई को नूंह से मोहम्मद तारीफ को पकड़ा गया। वो कांगरका गांव का रहने वाला है। सोर्स के मुताबिक, तारीफ ने माना है कि उसने पाकिस्तान हाई कमीशन में एक कर्मचारी को सिम कार्ड दिए थे। DSP हरिंदर कुमार के मुताबिक, पुलिस के पास तारीफ के बारे में खुफिया जानकारी थी। उसे जासूसी और सिम कार्ड देने के बदले पैसे मिले थे। तारीफ ने क्या-क्या सूचनाएं दी हैं, ये पूछताछ में में पता चलेगा। 5. नौमान इलाही, पानीपत, हरियाणा नौमान एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता है। उसे 14 मई को पानीपत से अरेस्ट किया गया। 24 साल का नौमान UP के कैराना का रहने वाला है। हरियाणा पुलिस के मुताबिक, नौमान पाकिस्तान में बैठे ISI हैंडलर्स के संपर्क में था और उन्हें संवेदनशील जानकारियां भेज रहा था। उसे 20 मई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है। आरोप है कि नौमान ISI के हैंडलर इकबाल उर्फ काना के लिए जासूसी करता था। इकबाल भी कैराना का रहने वाला है। वो 1993 में पाकिस्तान भाग गया था। नौमान पानीपत में रहकर सेना और ट्रेनों के मूवमेंट के बारे में जानकारियां भेज रहा था। पिता की मौत के बाद नौमान पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। उसकी बुआ और मौसी पाकिस्तान में रहती हैं। इसलिए उसे पाकिस्तान आने-जाने के लिए कोई परेशानी नहीं होती थी। पानीपत के DSP सतीश वत्स ने बताया है कि पुलिस उसे कैराना लेकर गई थी। उसके घर से 6 पासपोर्ट मिले हैं। इनमें तीन घरवालों के हैं। बाकियों की जांच चल रही है। 6. शहजाद, रामपुर, UP 18 मई को UP STP ने रामपुर के एक बिजनेसमैन शहजाद को गिरफ्तार किया है। STF के मुताबिक, शहजाद बिजनेस के सिलसिले में पाकिस्तान जा चुका है। उसने भारत की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं को ISI एजेंट्स को शेयर की हैं। जांच में पता चला है कि शहजाद को UP में ISI के लिए रिक्रूटमेंट की जिम्मेदारी मिली थी। वेस्ट UP से वो 20 से ज्यादा लोगों को ISI से जोड़ चुका है। इनमें मुरादाबाद, संभल और रामपुर की तीन महिलाएं भी हैं। UP पुलिस इन लोगों को तलाश रही है। पंजाब से गजाला, यामीन, सुखप्रीत सिंह, करणबीर सिंह, मोहम्मद मुर्तजा अरेस्ट हरियाणा और UP के अलावा पंजाब से भी संदिग्ध जासूस अरेस्ट किए गए हैं। 19 मई को राज्य के DGP गौरव यादव ने बताया कि गुरदासपुर पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह हैं। पुलिस ने दोनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। DGP ने बताया कि इनके बारे में 15 मई को खुफिया इनपुट मिले थे। दोनों आरोपी पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की रणनीतिक लोकेशन की जानकारी के साथ ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी सूचना ISI को दे रहे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से खुफिया इनपुट की पुष्टि हुई है। इससे पहले, 11 मई को राज्य के मलेरकोटला से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनके नाम यामीन मोहम्मद और गजाला हैं। पुलिस ने बताया था कि दोनों पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात एक अधिकारी के साथ संपर्क में थे। दोनों को गोपनीय जानकारी शेयर करने के बदले ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि 31 साल की गजाला इस साल फरवरी में वीजा के लिए पाकिस्तान दूतावास गई थी। वहीं वो पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में आई। गजाला को 30 हजार रुपए मिले थे। सेंट्रल एजेंसियों के इनपुट्स के आधार पर पहले गजाला को अरेस्ट किया गया था। पूछताछ के बाद यामीन को पकड़ा गया। दोनों अभी पुलिस रिमांड में हैं। इसके अलावा बिहार के मोहम्मद मुर्तजा को अरेस्ट किया गया है। वो अभी जालंधर में रह रहा है। उसने एक ऐप बनाया था, जिसके जरिए भारत में चल रही खबरें पाकिस्तान भेजता था। उससे 4 मोबाइल फोन और 3 सिम कार्ड मिले थे। एक महीने में 40 लाख रुपए की संदिग्ध लेनदेन की वजह से वो शक के घेरे में आया। टेक्निकल समझ होने की वजह से उसे जासूसी नेटवर्क से जोड़ा गया। टेक फ्रैंडली होने की वजह से उसे ज्यादा रकम दी जा थी। ................................ जासूसी केस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए 1. यूट्यूबर ज्योति NIA की हिरासत में, टेरर कनेक्शन में पूछताछ होगी पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिरासत में ले लिया है। NIA की टीम ज्योति से पूछताछ करने हिसार पहुंची थी। इसके बाद उसे हिरासत में लेकर चंडीगढ़ ले गई। अब ज्योति से टेरर लिंक को लेकर पूछताछ की जाएगी। इसके साथ जम्मू इंटेलिजेंस भी यूट्यूबर से पूछताछ करेगी। पढ़िए पूरी खबर...