घोषणा पत्र के लिए पचास हजार सुझाव, क्या चाहते हैं लोग ?

घोषणा पत्र के लिए पचास हजार सुझाव, क्या चाहते हैं लोग ?

3 अगस्त से बीजेपी ने घोषणा पत्र सुझाव अभियान की शुरुआत की...प्रदेश के 90 विधानसभा में कार्यकर्ता लोगो के बीच पहुँचकर घोषणा पत्र के लिए सुझाव एकत्रित कर रहे है... 22 दिन पूरे होने पर जिस तरह के सुझाव बीजेपी को मिल रहे है उससे पार्टी भी अचंभित है...बीजेपी का दावा है कि अभी तक 50 हजार सुझाव उन्हें अलग अलग माध्यमो से मिले है...बीजेपी ने सुझाव लेने के लिए "छत्तीसगढ़ियों के मन की बात" टैग लाइन के साथ बस्तर से लेकर सरगुजा तक सभी 35 जिला संगठन इकाइयों के पदाधिकारियों को सुझाव पेटी सौपी गई... बाकायदा सुझाव लेने के लिए वाट्सएप नंबर और मेल आईडी जारी किया जिसमें सुझाव जनता दे सके... घोषणा पत्र समिति के संयोजक विजय बघेल ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर सवाल खड़े किए और सुझाव आने को लेकर कहा चकित हूं कि इतना रुझान होगा... लोग खुद ब खुद सुझाव देने के लिए पहुंच रहे है... बीजेपी संयोजक, सह संयोजक के पास हार्ड कॉपी भी आ रही है... वाट्सएप ग्रुप में 10 हजार की संख्या में सुझाव आया है तो वही ईमेल में डेढ़ हजार से अधिक सुझाव आया है….

घोषणा पत्र को लेकर जिस तरह से सुझाव बीजेपी को मिल रहा है और समिति जो दावा कर रही हैं उसपर कांग्रेस भी तंज कस रही है. कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने तंज कसते हुए कहा बीजेपी ने 2003, 2008, 2013 में जनता को ठगा. अब प्रदेश की जनता उनके बहकावे में नही आने वाली है. 15 साल में इन्होंने जो 31 वादे किए थे उसमें 25 वादे पूरे ही नहीं हुए. अब किस नैतिकता से यह घोषणा पत्र बनाने जा रहे हैं…

साल 2018 में कांग्रेस को सत्ता दिलाने में घोषणा पत्र एक अहम जरिया बना था. जनता के बीच पहुंचकर कांग्रेस ने घोषणा पत्र बनाया था. इस बार बीजेपी जनता के बीच जा रही है. जनता के विचारों के अनुरुप घोषणा पत्र तैयार करने की बात कह रही है. तो वहीं कांग्रेस बीजेपी के पुराने घोषणा पत्रों पर सवालिया निशान खड़े कर रही है. लेकिन जनता से मिले सुझावों पर बीजेपी कितना अमल कर पाएगी. क्या बीजेपी का घोषणा पत्र उन्हें सत्ता वापस दिलाएगे यह तो चुनावी नतीजों से ही स्पष्ट होगा…..

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