एकीकृत टाउनशिप नीति-2025 लागू किए जाने की मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक, कई प्रस्तावों को मिली मंजूरी
अनमोल संदेश, भोपाल
मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को मॉडल इलेक्ट्रिक सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। यहां ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों के चलाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए ई-व्हीकल में रजिस्ट्रेशन में 15 से लेकर 80 फीसदी तक की छूट दी जाएगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले मोहन कैबिनेट की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें 7 पॉलिसीज को मंजूरी दी गई। इसमें इंटीग्रेटेड टॉउनशिप पॉलिसी भी शामिल है। इसके तहत किसान अगर मिकलकर टाउनशिप डेवलप करना चाहते हैं तो सरकार उनकी मदद करेगी।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक जिन नीतियों को मंजूरी दी गई उसमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी के अलावा एमएसएमई, ईवी, स्टार्टअप, विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अविकसित भूमि आवंटन नीति शामिल हैं। इससे पहले पिछले मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 7 नीतियों और 10 उप नीतियों को मंजूरी दी जा चुकी है। सभी नीतियां और उप नीतियां 24 -25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रखी जाएंगी। अभी तक टाउनशिप काटने का काम बिल्डर, कॉलोनाइजर करते हैं। इस पालिसी में समूह यह काम कर सकता है। किसान अगर मिलकर एक एकड़ में टाउनशिप बनाना चाहते हैं तो सरकार इसमें सहयोग करेगी। इसके जरिए इन्वेस्टमेंट लाने और नियोजित विकास को बढ़ावा देंगे।
वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाने सब्सिडी दी जाएगी। पेट्रोल पम्प पर ही चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति दी जाएगी। दो साल के भीतर प्रदेश के सभी सरकारी वाहन को ईवी में कन्वर्ट किया जाएगा। इस अवधि में 80 फीसदी वाहन ईवी में बदले जाएंगे। मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी के रूप में पांच शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन को डेवलप किया जाएगा। यहां ई-व्हीकल के रजिस्ट्रेशन में दो पहिया वाहन में 40, कॉमर्शियल 100, तिपहिया वाहन के लिए 80, चार पहिया के लिए 15 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक बस के लिए 40 फीसदी छूट दी जाएगी।
एमएसएमई के विकास संबंधित नीति को मंजूरी: एमएसएमई के विकास संबंधित नीति को मंजूरी दी गई है। एमएसएमई इंडस्ट्री में प्रदूषण कम होता है और रोजगार भी मिलता है। वर्ष 2047 को ध्यान में रखते हुए एमएसएमई की पालिसी बनाई गई है। संतुलित औद्योगिक विकास के लिए जो नीति तैयार की गई है उसमें पिछड़े क्षेत्रों में फोकस किया गया है। निजी क्षेत्रों के माध्यम से क्लस्टर बनाना, निवेश संवर्धन सहायता, निवेश पर 40 प्रतिशत तक सहायता दी जाएगी।
स्टार्ट अप के लिए मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर खोलेंगे: कैबिनेट में स्टार्ट अप नीति को भी मंजूरी दी गई है। मेगा इन्क्यूबेशन सेंटर खोले जाएंगे। अभी 5 हजार स्टार्ट अप हैं। इसे आने वाले समय में दस हजार स्टार्ट अप तक ले जाने का काम किया जाएगा। इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्राप्त निवेश पर ऋण सहायता दी जाएगी। बाजार तक पहुंच, ऋण सहायता, हैक थान, रोजगार सृजन सहायता, कौशल सहायता, संस्थागत सहायता, नवाचार और प्रोत्साहन योजना, अधोसंरचना सहयोग, लीज रेंट में सहायता कर ऋण देने का काम किया जाएगा। स्टार्ट अप सलाहकार परिषद की स्थापना की जाएगी।
पीपीपी मोड पर दिया जाएगा होटल अशोका लेक व्यू: भोपाल के लेक व्यू अशोका होटल को जन निजी भागीदारी के आधार पर देने का निर्णय लिया गया है। पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद सरकार को इससे दस करोड़ रुपए हर साल फायदा होगा। यहां काम के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। इसमें 100 सीटर बड़ा हाल, आधुनिक कमरे बनेंगे। अच्छे ब्रांड का होटल आए, इसके लिए यह फैसला लिया गया है। प्रदर्शनी के लिए स्थान हो। प्रदेश की कला और संस्कृति की पहचान देने वाला हो।
Files
What's Your Reaction?






