बीमारी, गर्भवती होने और बच्चे छोटे होने की दिक्कतों का दिया हवाला, चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने के 1500 आवेदन आए, 500 रद्द

अनमोल संदेश, भोपाल
लोकसभा चुनाव की ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए भोपाल में करीब डेढ़ हजार आवेदन पहुंचे। इनमें से 1 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी कैंसिल कर दी गई। वहीं, 500 आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। अफसरों का कहना है कि जिन कर्मचारियों के आवेदन कैंसिल किए गए, उनमें ने ज्यादातर ने बीमारी का हवाला दिया था, लेकिन मेडिकल जांच में वे ठीक निकले। इस कारण उनकी ड्यूटी कैंसिल नहीं की गई।
ज्वाइंट कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि गंभीर बीमारी, गर्भवती होने और बच्चे छोटे होने से दिक्कतें आने के आवेदन अधिक थे। उनकी जांच कराई गई। 500 आवेदन ऐसे भी थे, जिनमें बीमारी का हवाला दिया गया था, लेकिन मेडिकल बोर्ड में कर्मचारी फिट निकले। इसलिए उनकी ड्यूटी कैंसिल नहीं की गई।
जिन कर्मचारियों की ड्यूटी कैंसिल नहीं की गई, उन्हें 25 अप्रैल से शुरू होने वाली दूसरी ट्रेनिंग में जरूर आना पड़ेगा। यदि वे नहीं आते हैं तो उनके निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।
25 अप्रैल से होना है ट्रेनिग...
बता दें कि चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए 10 दिनों में ही डेढ़ हजार से अधिक आवेदन पहुंचे। अभी भी कुछ कर्मचारी आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं, क्योंकि 25 अप्रैल से ट्रेनिंग ही होने वाली है।
बता दें कि चुनावी ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए 10 दिनों में ही डेढ़ हजार से अधिक आवेदन पहुंचे। अभी भी कुछ कर्मचारी आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उनके आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं, क्योंकि 25 अप्रैल से ट्रेनिंग ही होने वाली है।
लोकसभा चुनाव की ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए जिन अधिकारी-कर्मचारियों ने स्वास्थ्य का हवाला दिया था, उनके लिए मेडिकल बोर्ड बनाया गया। जेपी हॉस्पिटल में जांच की गई। इसके बाद जिला प्रशासन ने ड्यूटी को लेकर अंतिम निर्णय लिया।
इतने आवेदन
70-80 आवेदन कैंसर ग्रस्त कर्मचारियों के हैं।
100 से अधिक आवेदन गर्भवती महिलाओं के आए हैं, जो ड्यूटी करने
में असक्षम हैं।
200 आवेदन ऐसी महिला कर्मचारियों के हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं।
700 आवेदन में हार्ट समेत अन्य बीमारियों से पीडि़त होना बताया गया।
200 आवेदन ऐसे आए, जिनमें पति-पत्नी दोनों सरकारी नौकरी में हैं और दोनों की ही ड्यूटी लग गई।
कुछ ऐसे आवेदन भी आए हैं, जिनके विभाग के सभी कर्मचारियों की ड्यूटी लग गई है।
वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों
के आवेदन भी आए हैं।
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