मध्य प्रदेश में आम लोगों को फिर लगेगा बिजली का झटका

भोपाल : मध्य प्रदेश में आम लोगों को बिजली बिल का बड़ा झटका लगने वाला है. एक बार फिर बिजली कंपनियां घरेलू उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ डालने जा रही हैं. दरअसल, बिजली कंपनियों ने मध्य प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए टैरिफ याचिका दायर की है. इसके लिए मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेज दिया गया है. अगर प्रस्ताव पास होता है तो बिजली की नई दरें अप्रैल महीने से लागू हो सकती हैं.
दरअसल, बिजली कंपनियों ने 151-300 के बीच का स्लैब खत्म कर 151 यूनिट के बाद फ्लैट रेट वसूलने का प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग को दिया है. कंपनियों ने 151 से 300 यूनिट बिजली खपत के स्लैब को खत्म करने की सिफारिश की है. अगर यह स्लैब खत्म होता है तो इसका सबसे अधिक नुकसान मध्यवर्ग के उन उपभोक्ताओं को होगा जो सब्सिडी के दायरे से बाहर आते हैं. एक आकड़े के मुताबिक, अगर यह प्रस्ताव पास हुआ तो एमपी में करीब 25 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन पर 50 पैसे प्रति युनिट का बोझ बढ़ सकता है.
बता दें कि एमपी देश में सबसे महंगी बिजली दरों वाले राज्यों में से एक है. इसके बावजूद बढ़ते खर्च और ट्रांसमिशन लॉस के कारण बिजली कंपनियां कभी फायदे में नहीं आ पाईं. ऐसे में एक बार फिर बिजली कंपनियां मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी की सिफारिश की है. दायर की कई याचिका में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता 58744 करोड़ बताया गया है, जबकि वर्तमान दरों पर प्राप्त राजस्व 54637 करोड़ बताया है. ऐसे में 4,107 करोड़ रुपए के घाटे का हवाला दिया गया है. साथ ही इसके भरपाई के लिए 2025-26 में बिजली दरों में 7.52% की बढ़ोतरी की मांग की गई है.
एमपी बिजली कंपनियों ने प्रदेश में 151 से 300 यूनिट तक की बिजली खपत के स्लैब को खत्म करने की सिफारिश की है. अगर यह स्लैब खत्म होता है तो 151 से 300 यूनिट बिजली खपत करने वाले उपभोक्ता को भी वही कीमत चुकानी होगी, जो 500 यूनिट या उससे ज्यादा बिजली खपत करने वालों को चुकानी पड़ती है. हालांकि, इस पर सुनवाई से पहले मप्र विद्युत नियामक आयोग ने जनता से 24 जनवरी तक आपत्ति बुलाई है.
Files
What's Your Reaction?






