अस्पताल गेट पर घातक सर्जीकल कचरे का अंबार
Heap of deadly surgical waste at the hospital gate
सुको व एनजीटी के आदेश की अस्पताल प्रबंधन कर रहा अवहेलना
अनमोल संदेश, पन्ना
जिला अस्पताल से निकलने वाला सर्जिकल कचरा अस्पताल के पिछले गेट में खुले में संग्रह किया जा रहा है जहां से अनगिनत मरीजों के साथ-साथ अस्पताल स्टाफ एवं अस्पताल के निर्माणाधीन नये भवन में काम करने वाले सैकड़ो मजदूरों का आवागमन बना रहता है। अस्पताल के गेट के पास से ही मुख्य मार्ग एवं घनी बस्ती लगी है।
इस प्रकार का घातक सर्जिकल कचरा खुले में संग्रह करना, फेंकना एवं जालना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यह कचरा इनसिनेटर मशीन में डिस्पोज करने का नियम है, लेकिन पन्ना में यह मशीन उपलब्ध नहीं है जिससे पूर्व में आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से इस खतरनाक कचरे को डिस्पोज करवाने के लिए सतना भेजा जाता था, लेकिन यह कचरा सतना भेजने का काम केवल कागजों तक सीमित था और लंबे समय से यह कचरा नगर पालिका के ट्रैक्टर-ट्रॉली से साधारण कचरे के साथ ही ठिकाने लगाया जाता रहा है जो अभी भी जारी है। वर्तमान में कुछ समय से यह घातक सर्जिकल कचरा अस्पताल की पिछले गेट में संग्रह करने के बाद जब भारी मात्रा में कचरा एकत्र हो जाता है तो इसे आग के हवाले कर दिया जाता है। इस कचरे में स्तेमाल की गई मेडिकल सिमग्री सिरिंज, वॉटर, दवाइयों के रैपर, रक्तरंजित कॉटन सहित सड़े-गले मानव अंग भी रहते हैं। जो इंसानों या पशु पक्षियों के संपर्क में आने पर संक्रमण फैला सकते हैं।
जिला अस्पताल पन्ना के सिविल सर्जन एवं सह अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर आलोक गुप्ता और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर वीएस उपाध्याय की इस लापरवाही से मानव जीवन से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है।
संक्रमण फैलने का खतरा
जानकार बताते हैं कि यह कचरा खुले में डालना इतना घातक है कि इसे जलाने से विषैला धुआं लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है। पानी में डालना भी प्रतिबंधित है क्योंकि यह कचरा पानी में पहुंचने पर पानी को जहरीला बना सकता है। इसे केवल इनसिनेटर मशीन में निर्धारित तापमान में नष्ट किया जाता है, लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन के द्वारा घोर लापरवाही करते हुए इसे खुले में ठिकाने लगवाया जा रहा है। मामले के संबंध जानकारी हेतु संपर्क करने पर जिला अस्पताल पन्ना के सिविल सर्जन डॉ आलोक गुप्ता के द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया, जिससे समाचार में सिविल सर्जन का पक्ष शामिल नहीं किया जा सका।
मामले के संबंध में पहले भी कई बार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से लेकर कलेक्टर तक शिकायतें हो चुकी हैं मीडिया के द्वारा भी इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया जा चुका है लेकिन कार्रवाई केवल पत्र व्यवहार तक सीमित रही जिससे लापरवाही जारी है और मानव जीवन से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है।
अस्पताल के कचरे के संबंध में नगर पालिका को ध्यान देना चाहिए, पहले यह कचरा डिस्पोज करने के लिए सतना भेजा जाता था, वर्तमान के बारे में आप सिविल सर्जन डॉ.आलोक गुप्ता से बात करिए।
-डॉ.वीएस उपाध्याय, सीएमएचओ, पन्ना
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