मलेरिया दिवस: कोरोना काल से ही लोग साफ-सफाई का रख रहे विशेष ध्यान पिछले 6 साल में कम हो गए मलेरिया के 96त्न केस

अनमोल संदेश, भोपाल
मध्य प्रदेश मलेरिया के मामले में पिछले छह साल में करीब 96 प्रतिशत मरीजों की कमी आई है। अब प्रदेश में पुराने आंकड़ों के अनुसार महज 4 प्रतिशत मरीज रहा गए हैं। मध्य प्रदेश में कोरोना काल से मरीजों की कमी देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल में लोगों ने साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा यही कारण है कि मलेरिया के केस लगातार कम हो रहे हैं।
मलेरिया विभाग के आकड़े को देखें तो जहां वर्ष 2015 में 25 जिले कैटेगरी 3 में सम्मिलित थे, वहीं वर्ष 2023-24 में एक भी जिला कैटेगरी 3 में सम्मिलित नहीं है। इस प्रकार प्रदेश सभी जिलों में मलेरिया एपीआई एक से कम दर्ज किया गया है। अर्थात 1000 की जनसंख्या में औसतन 1 से भी कम मरीज के प्रकरण दर्ज हुए हैं। वर्ष 2023 से प्रदेश के 3 जिलों में आगर, शाजापुर एवं टीकमगढ़ मे मलेरिया प्रकरण नहीं पाए गए हैं। वहीं, वर्तमान में प्रदेश भर में वर्ष 2024 में मात्र 415 मलेरिया के पॉजिटिव प्रकरण पाए गए हैं। विभाग की मानें तो सभी जिलों में सतत् रूप से निगरानी एवं मलेरिया रोगियों की जांच की जा रही है।
पिछले सालों के आंकड़े
वर्ष कुल जांच रोगी
2018 9817411 22279
2019 1006955 14147
2020 9056958 6760
2021 9864546 3181
2022 11031117 3836
2023 11381858 3794
इनका कहना है..
मलेरिया कम होने के प्रमुख कारण कोरोना की वजह से लोग साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने लगे और मच्छरों में काफी कमी आई। मलेरिया विभाग नगर निगम और एंबेड परियोजना के सहयोग से प्रदेश भर में जनजागरूकता अभियान चलाया। स्कूल, कॉलेज से लेकर धर्मगुरुओं को भी इस अभियान में शामिल किया। अभियान में एंबेड परियोजना के कर्मचारी झुग्गी बस्तियों तक पहुंचकर लोगों को जागरूक किया।
- डॉ. हिमांशु जयसवार, मलेरिया राज्य कार्यक्रम अधिकारी
केंद्र और राज्य के सफाई अभियान में लोगों ने रूचि दिखाई है, जिसका परिणाम सामने आने लगा है। हालांकि बारिश के मौसम में मच्छर परेशान करते ही हैं लेकिन गर्मियों के दौरान भी इनका प्रकोप काफी बढ़ जाता है। फिर भी केस तो कम ही निकल रहे हैं।
- अखिलेश दुबे, भोपाल जिला मलेरिया अधिकार
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