प्रकृति का कहर कहीं सूखे की मार तो कहीं धुआं-अंधकार, उत्तर दहका, दक्षिण में जल संकट, धंसी जमीन

एजेंसी, नैनीताल
उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल के जंगल धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगल होने से आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है।
बीते 24 घंटे में प्रदेश के 31 जगहों पर आग लगी, इसमें सर्वाधिक आग कुमाऊं में 26 स्थानों पर गढ़वाल मंडल के वन्यजीव क्षेत्र में पांच स्थानों पर आग लगने की घटनाएं हुईं। इनमें करीब 34 हेक्टेयर में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में नवंबर-2023 से 575 वनाग्निन की घटनाएं हुआ हैं, इसमें करीब 690 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वनसंपदा को नुकसान पहुंच चुका है।
गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है।
जंगल में आग लगाते पकड़े तीन लोग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्ती के बाद वन विभाग की सख्त कार्रवाई कर मौके से पकड़े गए तीन लोगों पर केस दर्ज कर जेल भेज दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार वनाग्नि पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। वहीं, सीएम शनिवार दोपहर नैनीताल क्षेत्र में वनाग्नि से हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में गठित वनाग्नि सुरक्षा दल ने नरेश भट्ट को नैनीताल की जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़ा। आरोपी का कहना है कि बकरियों को नई घास उगाने के लिए जंगल में आग लगाई। इसके बाद वन क्षेत्राधिकारी द्वारा अपराधी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। भारतीय वन अधिनियम 1927 के अन्तर्गत वन अपराध दर्ज किया।
इसके अलावा उत्तरी जखोली के डंगवाल गांव में हेमंत सिंह और भगवती लाल को जंगल में आग लगाते हुए मौके पर पकड़कर जेल भेजा गया। प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि जंगल में आग लगाने वाले अपराधियों के विरुद्ध वन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अपराध दर्ज कर दण्डित किया जाएगा। अपराधियों को पकडऩे के लिये प्रभाग स्तर पर वनाग्नि सुरक्षा दल गठित किया गया है। अभी तक इस वर्ष कुल 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 3 मुकदमें नामजद है और 16 मुकदमो में जांच चल रही है।
वनाग्नि क्रू-स्टेशन और मोबाईल क्रू-स्टेशन के द्वारा वनाग्नि नियंत्रण किया जा रहा है। साथ ही उडऩ दस्ता दल द्वारा समस्त रेंजों में सेटेलाईट, कैमरों एवं दूरबीन के माध्यम से अपराधियों को पक?ने का कार्य किया जा रहा है। वनाग्नि रोकथाम वन विभाग के प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता एवं जन भागीदारी आवश्यक है। वहीं, उत्तराखंड में वनाग्नि हर साल की समस्या बन गई, जिसकी वजह से प्रदेश में तापमान भी लगातार बढ़ रहा है। राज्य में इस साल अब तक 708 हेक्टेयर वन भूमि आग से नष्ट हो चुकी है।
हाईकोर्ट के आवास तक पहुंची आग
वहीं, नैनीताल के पास जंगलों में भीषण आग लगी है। आग की लपटें हाईकोर्ट के आवास तक जा पहुंची। नैनीताल भवाली रोड के पास के जंगलों में लगी आग की चपेट में जंगल का एक बड़ा हिस्सा और आईटीआई भवन आ चुका है।
एफएसओ किशोर उपाध्याय ने बताया कि जंगल में आग लगाने की सूचना मिली थी, मौके पर टीम को भेजकर आग पर काबू पा लिया गया है। वन विभाग ने आग बुझाने के लिए सेना से मदद मांगी है। शनिवार को नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है। वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों को निर्देश दिए हैं कि वह वनाग्नि के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में पैनी नजर रखें और जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों पर एफआईआर दर्ज कराएं। जंगल की आग बुझाने में पीआरडी जवान और होमगार्ड भी सहयोग करेंगे।
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