आत्महत्या के मामले में याचिका की खारिज

Mar 19, 2024 - 15:42
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आत्महत्या के मामले में याचिका की खारिज

अनमोल संदेश, जबलपुर

पुलिस द्वारा आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का अपराध दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि मृतक एक फरार आरोपी था। शिकायकर्ता और गवाहों को उसके ठिकाने की जानकारी थी। एकलपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने इस आशय से धमकी नहीं दी थी कि फरार युवक आत्महत्या कर ले। एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि फरार आरोपी को संरक्षण देने अपराध शिकायतकर्ता व गवाहों पर बनता है तो विधि अनुसार कार्रवाई करें।

दतिया में पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सीताराम यादव तथा अजय प्रताप सिंह ने निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर थाने में उनके खिलाफ धारा-306 सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किए जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता अजय प्रताप सिंह भाई के मोटर साइकिल से अपने गांव पनिहारी जा रहे था। बादाम सिंह, उनके बेटे शिवम यादव और अन्य साथी ने उन पर हमला कर दिया था, जिसकी एफआईआर उन्होंने पृथ्वीपुर थाने में दर्ज करवाई थी। भाई को गंभीर चोट आने के कारण पुलिस ने बाद में हत्या का प्रयास के तहत प्रकरण दर्ज किया था।

आरोपी पक्ष उन्हें समझौता करने का दबाव डाल रहे थे। थाने में उनका रिश्तेदार पदस्थ था और आरोपी लगातार फरार थे, जिसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विधिवत कार्रवाई के निर्देश पुलिस अधीक्षक को जारी किए थे। फरारी के दौरान शिवम का शव अनावेदक चाचा अनोज यादव के खेत में मिला था। उसकी करंट लगने से मौत हुई थी। मृतक के भाई ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि याचिकाकर्ता सीताराम यादव तथा अजय प्रताप सिंह ने गांव में उसके भाई को रास्ते में रोककर गाली-गलौज करते हुए मारपीट की थी। उन्होंने धमकी दी थी कि उसका जीवन खराब कर देंगे, जिसके कारण उसके भाई ने करंट लगाकर आत्महत्या कर ली।

थाने में एसआई के रूप में उनका रिश्तेदार हरीश यादव एसआई के रूप में पदस्थ था। उसने उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने सहित मारपीट की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि शिकायतकर्ता व गवाहों ने अपने बयान में कहा है कि फरारी के दौरान शिवम अपने ससुराल में रहता है और गांव में अक्सर उनके घर आता था। 

एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि फरार आरोपी को संरक्षण देने के मामले में शिकायतकर्ता, गवाह व ससुराल पक्ष वालों पर आपराधिक प्रकरण बनता है तो उसके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई करें। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आत्महत्या के लिए प्रेरित करने मामले में धमकी देने का आशय स्पष्ट होना चाहिए। धमकी का आशय स्पष्ट नहीं होने के कारण एकलपीठ ने एफआईआर खारिज करने के आदेश जारी किए हैं।

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