प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में भरी उड़ान ,तेजस पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में  भरी उड़ान ,तेजस पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। इसे तेजस नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। उड़ान भरने के बाद उन्होंने कहा कि उनके लिए यह शानदार अनुभव रहा। इससे देश की क्षमताओं में उनका भरोसा और बढ़ा है। तेजस पूरी दुनिया में धूम मचा रहा है। अमेरिका समेत दुनिया के कई बड़े देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। इस विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। यह एक इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो किसी भी परिस्थिति में अपने काम को बखूबी अंजाम दे सकता है। इस विमान ने दुनिया को भारतीय टेक्नोलॉजी की खूबियों से परिचित कराया है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े-बड़े देश इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं।


एचएएल की क्षमता बेंगलुरु में हर साल 16 विमान बनाने की है

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत छह देशों ने भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। रक्षा मंत्रालय ने एयरफोर्स के लिए 83 तेजस खरीदने के वास्ते एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था। आईएएफ के चीफ एयर मार्श वीआर चौधरी ने अक्टूबर में कहा था कि 97 और तेजस खरीदने की योजना पर विचार चल रहा है। यह सौदा 67,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। । साथ ही कंपनी नासिक में भी एक फैसिलिटी बना रही है। इससे उसकी क्षमता सालाना 24 जेट बनाने की हो जाएगी। एएएल इस विमान को अर्जेंटीना, नाइजीरिया, मिस्र और फिलीपींस को एक्सपोर्ट करने की संभावना तलाश रही है।


तेजस हल्के वजन में बेहद कारगर लड़ाकू विमान  स्पीड का सौदागर

तेजस को एल्युमीनियम, लीथियम एलॉय, कार्बन फाइबर कंपोजिट्स और टाइटेनियम एलॉय स्टील से बनाया गया है। इस वजह से तेजस दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में काफी हल्का है। इसका वजन केवल 6560 किलोग्राम है। साथ ही इसकी ताकत भी अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों से कम नहीं है। तेजस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके 50 फीसदी कलपुर्जे भारत में बने हैं। फरवरी 2019 में इसे एयरफोर्स में शामिल किया गया। तेजस हल्के वजन में बेहद कारगर लड़ाकू विमान है क्योंकि वह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है।


साथ ही इसे लैडिंग और टेक ऑफ के लिए कम जगह की जरूरत पड़ती है। इसकी वजह से इसके लिए हथियार ले जाना न केवल आसान है बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में लैंडिंग और टेक ऑफ में आसानी रहती है। इसमें लगे रडार हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों में कारगर हैं। साथ ही यह हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है। ये सारी खूबियां तेजस को एक अनोखा विमान बनाती हैं जो अपनी पीढ़ी के दूसरे विमानों पर भारी पड़ता है। इस खूबियों की वजह से इसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।

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