मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जैविक खेती पर कार्यशाला का शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जैविक खेती पर कार्यशाला का शुभारंभ किया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज राजधानी भोपाल में जैविक खेती पर एक विशेष कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में जैविक और प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इन दोनों तरीकों में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि जैविक और प्राकृतिक खेती दोनों का मुख्य उद्देश्य रसायनों से बचना और पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देना है।
जैविक और प्राकृतिक खेती में कोई अंतर नहीं: मुख्यमंत्री
कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, "जैविक और प्राकृतिक खेती में कोई अंतर नहीं है। जो खाने में प्राकृतिक चीजें आती हैं, वे जैविक होती हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि दोनों ही तरीकों का उद्देश्य वही है – रसायनों का प्रयोग न करना और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित खाद्य सामग्री का उत्पादन करना।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
कृषि आधारित उद्योगों पर फोकस
मुख्यमंत्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "हम मध्यप्रदेश में इस वर्ष 'उद्योग वर्ष' मना रहे हैं। पहले हमने उद्योग क्षेत्र की बात की थी, लेकिन अब हम कृषि आधारित उद्योगों की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। कृषि में बदलाव लाकर हम राज्य को विकास की नई दिशा देंगे और जैविक खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जैविक खेती के द्वारा न सिर्फ कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि इससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी। उन्होंने किसानों को जैविक खेती के लाभ और इसके लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी और उन्हें इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आगे की दिशा और योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कार्यशाला के माध्यम से यह भी बताया कि राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को प्रशिक्षण, उन्नत बीज, जैविक उर्वरक और कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठा रही है ताकि किसानों को बेहतर बाजार मिल सके और उनके उत्पादों का मूल्य बढ़ सके।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह बयान कृषि क्षेत्र में एक नई उम्मीद और दिशा की ओर इशारा करता है। जैविक खेती की दिशा में किए गए प्रयास न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होंगे, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। कृषि आधारित उद्योगों की ओर बढ़ते कदम राज्य को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करेंगे और मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल होगा।
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