विधानसभा के साथ लोकसभा चुनाव पर फोकस

छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस एक-एक सीट पर
सियासी गोटी फिट करने में जुटी है...विधायकों के परफॉर्मेंस रिपोर्ट और इंटरनल
सर्वे के बाद अब हर विधानसभा से मजबूत और जिताऊ दावेदार चुनना कांग्रेस के लिए
सबसे बड़ी चुनौती है..क्योंकि हर सीट से थोक में दावेदार भी सामने आ रहे हैं...ऐसे
में कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने लोकसभा वार नेताओं से वन टू वन
चर्चा की शुरुआत की है..सबसे पहले उन्होंने हाईप्रोफाइल सीट दुर्ग को चुना..दुर्ग
क्षेत्र से इस सरकार में मुख्यमंत्री समेत आधा दर्जन मंत्री हैं..ऐसे में यह
क्षेत्र अपने आप में अहम हो जाता है..इसलिए कुमारी शैलजा ने जब वन टू वन चर्चा की
शुरुआत की तो वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू, विधायक अरुण वोरा, देवेंद्र यादव समेत कई दिग्गज घंटों मंत्रणा करते नजर आए..
कुमारी शैलजा ने इस दौरान विधायकों और नेताओं से उनके क्षेत्र का हाल तो जाना ही..जीत
की रणनीति और विधायकों के कामों का भी फीडबैक लिया..विधानसभा ही नहीं लोकसभा के
हिसाब से भी उन्होंने नेताओं से जानकारी ली..साथ ही दो टूक लहजे में यह भी साफ कर
दिया कि भले हर सीट से थोक में दावेदारी आ रही है.. दावेदारी करना कार्यकर्ताओं का
अधिकार है...लेकिन टिकट पार्टी किसे देगी, यह पार्टी तय करेगी...वहीं भाजपा के नेता शैलजा के मैराथन
बैठक पर तंज कसते नजर आए..
कांग्रेस की प्रभारी अपनी बैठकों के माध्यम से विधानसभा के
साथ ही लोकसभा चुनाव की भी तैयारियों में जुटने का संकेत दे रही हैं..लेकिन हर
विधानसभा से दावेदारों की फौज का भी उन्हें सामना करना पड़ रहा है.. ऐसे में
अनुशासन की नसीहत और पार्टी के प्रति समर्पण की घुट्टी का कितना असर होगा..यह तो
चुनावों के परिणाम ही बताएंगे..लेकिन शैलजा की बैठकों ने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज
करने का काम जरूर किया है..
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