न्यायाधीश के रूप में पूजे जाते हैं वीर हनुमान

Apr 23, 2024 - 11:08
 0  1
न्यायाधीश के रूप में पूजे जाते हैं वीर हनुमान

अनमोल संदेश, पठारी

श्री करेली धाम पांडवों की तपोभूमि है। अज्ञात वनवास के दौरान पांडवों ने क्षेत्र में कई स्थानों पर अनुष्ठान किए हैं। इसी दौरान पांडवों ने श्री हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा कर उनके साथ हुए अन्याय अत्याचार और षड्यंत्र के खिलाफ गुहार लगाई थी। तभी से श्री करेली धाम के श्री हनुमानजी न्यायाधीश के रूप में पूजे जाते हैं।

नगर के ऐतिहासिक प्राचीन तालाब के समीप पांडवों ने अज्ञात वनवास के दौरान श्री करेली धाम की स्थापना की थी। अन्याय, अत्याचार और षड्यंत्रों से पीडि़त पांडवों ने श्री हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा कर साधना की। जिसमें महाभारत में विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री करेली धाम के पुजारी श्री सत्यनारायण जी महाराज ने बताया कि पांडवों ने अपने अज्ञात वनवास के दौरान क्षेत्र में कई स्थानों पर विशेष अनुष्ठान, तपस्या और साधना की है। जिसमें सर्वश्रेष्ठ सिद्ध स्थल श्री करेली धाम माना जाता है। पांडवों ने ग्राम बढ़ोह में 20 भुजाधारी पश्चिमी मुखी श्री महामाई की स्थापना की। 

वहीं ज्ञान नाथ पर्वत पर शिवलिंग स्थापना कर साधना की। पठारी के समीपस्थ रमझिरिया में श्री हनुमान जी की स्थापना कर समीप और पीपल के वृक्ष पर अपने शस्त्र रखें। सरपंच देवेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि श्री करेली धाम हिंदू जैन और मुस्लिम सभी वर्ग समुदाय का आस्था केंद्र है। जहां पर लोग माथा टेककर न्याय की गुहार लगाते हैं। श्रद्धालु श्री करेली धाम के हनुमानजी को न्यायाधीश के रूप में मानते हैं।

अनमोल संदेश, पठारी

श्री करेली धाम पांडवों की तपोभूमि है। अज्ञात वनवास के दौरान पांडवों ने क्षेत्र में कई स्थानों पर अनुष्ठान किए हैं। इसी दौरान पांडवों ने श्री हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा कर उनके साथ हुए अन्याय अत्याचार और षड्यंत्र के खिलाफ गुहार लगाई थी। तभी से श्री करेली धाम के श्री हनुमानजी न्यायाधीश के रूप में पूजे जाते हैं।

नगर के ऐतिहासिक प्राचीन तालाब के समीप पांडवों ने अज्ञात वनवास के दौरान श्री करेली धाम की स्थापना की थी। अन्याय, अत्याचार और षड्यंत्रों से पीडि़त पांडवों ने श्री हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा कर साधना की। जिसमें महाभारत में विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री करेली धाम के पुजारी श्री सत्यनारायण जी महाराज ने बताया कि पांडवों ने अपने अज्ञात वनवास के दौरान क्षेत्र में कई स्थानों पर विशेष अनुष्ठान, तपस्या और साधना की है। जिसमें सर्वश्रेष्ठ सिद्ध स्थल श्री करेली धाम माना जाता है। पांडवों ने ग्राम बढ़ोह में 20 भुजाधारी पश्चिमी मुखी श्री महामाई की स्थापना की। 

वहीं ज्ञान नाथ पर्वत पर शिवलिंग स्थापना कर साधना की। पठारी के समीपस्थ रमझिरिया में श्री हनुमान जी की स्थापना कर समीप और पीपल के वृक्ष पर अपने शस्त्र रखें। सरपंच देवेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि श्री करेली धाम हिंदू जैन और मुस्लिम सभी वर्ग समुदाय का आस्था केंद्र है। जहां पर लोग माथा टेककर न्याय की गुहार लगाते हैं। श्रद्धालु श्री करेली धाम के हनुमानजी को न्यायाधीश के रूप में मानते हैं।

Files

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow