CG- निगम मंडल अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म, क्या फिर मिलेगा मौका ?

छत्तीसगढ़ में चुनाव से ठीक पहले दो दर्जन से अधिक निगम मंडलों में पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया है....... ऐसे में नई नियुक्ति या वर्तमान पदाधिकारियों के कार्यकाल में वृद्धि को लेकर मंथन चल रहा है..छत्तीसगढ़ में 15 सालों का वनवास काटकर लौटने के बाद कांग्रेस के बड़े चेहरों को निगम मंडल की जिम्मेदारी दी गई....... रामगोपाल अग्रवाल, गिरीश देवांगन, शैलेश नितिन त्रिवेदी से लेकर सुरेंद्र शर्मा और सन्नी अग्रवाल तक लगभग दो दर्जन चेहरे पहली दूसरी खेप में निगम मंडलों में पद पाने में सफल रहे....... लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले इनका तीन सालों का कार्यकाल खत्म हो गया है......ऐसे में पार्टी इस बात पर मंथन कर रही है कि इन्हें दोबारा सेवावृद्धि दी जाए...... या इनके स्थान पर नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दे दी जाए.. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार मंत्रणा कर रहे हैं.....चुंकि निगम मंडलों में काबिज रहे कई चेहरे अब चुनावी मैदान में जोर आजमाइश करना चाहते हैं....... जबकि नेता चाहते हैं कि उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाए......... ऐसे में कुछ नेताओं की विदाई और कुछ नए चेहरों को इनके स्थान पर एडजस्ट करने की तैयारी की जा रही है......साथ ही क्षेत्रीय, जातिगत और गुटीय संतुलन की लिहाज से भी निगम मंडलों में नियुक्तियों का फैसला होना है....... इसीलिए पीसीसी प्रभारी कुमारी शैलजा से लेकर सीएम भूपेश बघेल भी लगातार मंथन कर रहे हैं..... वहीं इसे लेकर भाजपा तंज कसती नजर आ रही है........पूर्व मंत्री राजेश मूणत इसे कांग्रेस की गुटी अंतर कला से जोड़ते हैं...... वही सीएम कहते हैं कि निगम मंडल पर फैसला हाईकमान से चर्चा के बाद पार्टी लेगी.....पीसीसी प्रभरी कुमारी शैलजा ने कहा प्रदेश के मुद्दों पर बात हुई हमारी रणनीति 5 साल से बन रही है......निगम मंडलों में काबिज कुछ चेहरों को कंटिन्यू किया जा सकता है...... कुछ चेहरे चुनाव मैदान में उतारने निगम मंडलों से विदा भी किए जाएंगे....... इसी के साथ असंतुष्टों काे साधने की लिहाज से भी निगम मंडलों में नेता एडजस्ट किए जाएंगे..... लेकिन इसके लिए पार्टी को सूची बनाकर कांग्रेस हाईकमान की मंजूरी लेनी होगी....... यही वजह है लालबत्ती की चाह रखने वाले नेताओं को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है..........
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