ईद की बधाई, तकरीर में हिंदू-मुस्लिम एकता पर जोर

अनमोल संदेश, करोंद
शहर में ईद-उल-फितर का त्योहार हर्ष और उल्लास से मनाया गया। एक साथ लाखों बंदों ने रब की बंदगी में सजदा की। इस दौरान मुल्क की तरक्की और खुशहाली के साथ अमन-चैन की सामूहिक रूप से दुआ मांगी गई। परंपरा के तहत कई बंदों ने शहर के कब्रिस्तानों में जाकर फातिहा भी पढ़ा। भोपाल में सबसे पहले ईदगाह में सुबह ईद की नमाज अदा हुई। यहां शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने नमाज अदा कराई। इसके बाद शहर की अन्य मस्जिदों में ईद की नमाज हुई। ताजुल मसाजिद में तकरीर में हिंदू मुस्लिम एकता पर जोर दिया गया। इसके बाद बंदों ने गले मिलकर ईद मुबारक कहा। ईदगाह पर काजी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी ने पहली नमाज ईदगाह पर सुबह 7:15 बजे अदा की गई। नमाज से पहले शहर काजी ने कुरआन और हदीस पर केंद्रित तकरीर की। नमाज के बाद खुतबा (धार्मिक प्रवचन) हुआ, उसके बाद दुआ हुई। इसके बाद लोग एक दूसरे से गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हुए घरों की तरफ रवाना हुए।
एक रास्ते से आमद, दूसरे से वापसी
ईदगाह की नमाज में शामिल होने के लिए अकीदतमंदों के हुजूम अल सुबह से ही मंजिल की तरफ बढऩे लगे थे। सिर पर टोपी, बदन पर नए नवेले कपड़े, महकती खुशबू और जुबां पर अल्लाह का जिक्र लिए लोग हर तरफ दिखाई दे रहे थे। इस्लामी मान्यता अनुसार इनका वापसी का रास्ता कुछ बदला हुआ था। नमाज से पहले पास स्थित गुफा मंदिर से घंटियों और भजन की धीमी आवाज सुनाई दे रही थी। दूसरी तरफ ईदगाह हिल्स पर ही स्थित नानक साहब गुरुद्वारा में भी गुरुवाणी गूंज रही थी। ईदगाह के निचले हिस्से में स्थित कोहेफिजा के आर्च बिशप हाउस के चर्च में ईसाई धर्मावलंबी अपनी प्रेयर में तल्लीन थे।
Files
What's Your Reaction?






