नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने पिछले हफ्ते परमाणु हथियारों को लेकर फिर बड़ा बयान दिया
नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA के मुताबिक, किम ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर दुश्मन परमाणु हमले की धमकी देता है या उकसाता है तो हम भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाएंगे.
इसी हफ्ते नॉर्थ कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-18 (Hwaong-18) को लॉन्च किया था. दावा है कि ये उत्तर कोरिया की अब तक की सबसे ताकतवर मिसाइल है
ये पहली बार नहीं है जब किम जोंग ने परमाणु हमले की धमकी दी है. किम जोंग पहले भी कई बार ऐसी धमकी दे चुके हैं. किम की ताजा धमकी के बाद अमेरिका, साउथ कोरिया और जापान ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा है कि परमाणु सशस्त्र देशों से उकसावे वाली कार्रवाई बंद करने की अपील की है.
बहरहाल, नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु हथियारों के परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर सही ठहरा चुका है. पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नॉर्थ कोरिया की राजदूत किम सोंग ने कहा था, 'अमेरिका हमें बार-बार परमाणु हमले की धमकी दे रहा है. इसलिए ये हमारा अधिकार है कि हम अमेरिका के वेपन सिस्टम के बराबर अपने वेपन सिस्टम को भी विकसित करें और अपने पास रखे.'
नॉर्थ कोरिया दावा करता है कि वो जंग के खिलाफ है और उसने अपने परमाणु हथियार सेल्फ-डिफेंस के लिए रखे हैं. उसका कहना है कि अमेरिका, साउथ कोरिया और जापान की 'शत्रुतापूर्ण' नीतियों का सामना करने के लिए ये जरूरी हैं.
पिछले साल मिलिट्री परेड के दौरान किम ने कहा था कि उन्होंने अपनी न्यूक्लियर फोर्स को देश के हितों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ हमले करने का काम सौंप दिया है.
पिछले साल ही सितंबर में नॉर्थ कोरिया ने अपने एक कानून में संशोधन किया था, जो संभावित हमले के खतरे को देखते हुए पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है.
कानून के मुताबिक, अगर नॉर्थ कोरिया पर परमाणु हमले का खतरा हो, उसकी लीडरशिप या लोगों की जान का खतरा हो या फिर कोई देश हमला करने की तैयारी कर रहा हो, तो ऐसी स्थिति में परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस कानून में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर सारे फैसले लेने का अधिकार किम जोंग को दिया गया है. लेकिन अगर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को खतरा महसूस होता है तो मिसाइल 'ऑटोमैटिकली' ही लॉन्च हो जाएगी. यानी, किम जोंग की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी.
इस साल सितंबर में ही एक और संवैधानिक संशोधन हुआ था, जो अमेरिकी उकसावों को रोकने के लिए परमाणु हथियारों के उत्पादन में तेजी लाने का अधिकार देता है.
जुलाई में नॉर्थ कोरिया के रक्षा मंत्री कांग सुन ने नाम ने कहा था कि साउथ कोरिया में अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स, बॉम्बर्स और मिसाइल सबमरीन की तैनाती से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया है.
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