भदभदा बस्ती से बेघर परिवारों ने कलेक्ट्रेट का किया घेराव, पीएम आवास देने की मांग
अनमोल संदेश, भोपाल
भोपाल की भदभदा बस्ती में वहां के पूर्व रहवासियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में धरना दिया है। जिसमें सैकड़ों महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे शामिल हैं। विरोध-प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर महिलाएं मुस्लिम समुदाय से हैं। इस दौरान पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी भी पहुंचे हैं।
भदभदा कॉलोनी में जिला प्रशासन ने एनजीटी के आदेश के बाद फरवरी 2024 में खाली कराया था। रहवासियों ने बताया कि हम यहां पर 100 वर्षों से रह रहे थे। जब हमारे घर को गिराया गया, उस दौरान हमें 1 लाख रुपए दिए गए थे, जो किराए में ही खर्च हो गए। हमें घर के बदले घर नहीं दिया जिससे आज हम बेघर हो गए। इस दौरान काफी संख्या में महिलाएं भी बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर धरने में बैठ गई। वहां पहुंचे कई नेताओं ने भी प्रशासन पर आरोप लगाए हैं।
मुस्लिम महिलाओं ने सौंपा ज्ञापन
धरने में शामिल मुस्लिम महिलाओं ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि बस्ती के मकान प्रशासन ने तोड़ दिए हैं, लेकिन अभी तक जमीन नहीं दी है और न ही पीएम आवास आवंटित किए गए। हमारी प्रशासन से मांग है कि जल्द ज़मीन दी जाए। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने 400 परिवार को बेघर कर दिया है।
अब तक नहीं की पुर्नवास की व्यवस्था: जकी
भोपाल नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने बताया कि प्रशासन ने 400 से ज्यादा परिवारों को बेघर कर दिया है, लेकिन बस्ती के विस्थापित परिवारों के पुर्नवास की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। जबकि, कार्रवाई के दौरान उन्हें मकान अथवा जमीन दिलाने का आश्वासन दिया गया था। प्रशासन इनकी मांगें जल्द से जल्द पूरा करे।
पीएम आवास की मिलेगी सुविधा
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि जितने भी रहवासी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान चाहते हैं, वो त्वरित आवेदन कर दें, उन्हें लोन और घर दिया जाएगा। इसमें जिला प्रशासन पूरी मदद करेगा। भोपाल के चांदबड़ में जगह चयनित की गई है। वहां पर भी शिफ्ट हो सकते हैं।
फरवरी में की गई थी कार्रवाई
एनजीटी के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने से पहले नगर निगम की ओर से मुनादी भी कराई थी। इस दौरान रहवासियों को अतिक्रमण हटाने के लिए तीन दिन का समय भी दिया था। लेकिन भदभदा कालोनी में रहने वालों ने इसे अनदेखा कर दिया। इसलिए प्रशासन को सख्ती के साथ कार्रवाई करनी पड़ी थी।
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