परमसत्ता से जुड़ने का माध्यम है रामधुनी: सिद्ध भाऊजी

Dec 26, 2024 - 21:14
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परमसत्ता से जुड़ने का माध्यम है रामधुनी: सिद्ध भाऊजी

भोग साहिब के साथ 60वीं अखंड वार्षिक रामधुनी का समापन


अनमोल संदेश, संतनगर

मानव कल्याण की कामना के लिए सात दिवसीय वार्षिक 60 वीं अखंड रामधुनी का गुरुवार को समापन हुआ। संत हिरदारामजी के शिष्य सिद्धभाऊजी ने कहा साल में सात दिन नहीं हर दिन रामधुनी लगाएंग, घर मंदिर बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि रामधुनी परम सत्ता से जुडऩे का एक माध्यम है। मन, वचन कर्म से सेवा करने वालों को फल अवश्य प्राप्त होगा। रामधुनी लगाने से सुख शांति होती है व दु:ख-दर्द कलेश कोसो दूर रहते हैं। रामधुनी से मन को शांति मिलेगी और अच्छे संस्कारों की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि कपड़ा एसोसिएशन एवं हैप्पी ग्रुप ने अखंड रामधुन में सेवा कार्यों के लिए 2 लाख 51 हजार रुपये की राशि भेंट की है, जिससे अगले साल 3 लाख 51 हजार की राशि सेवा कार्यों के लिए देने का कहा गया है।

सेवा दिल से करनी चाहिए

संत हिरदाराम गल्र्स कॉलेज के डायरेक्टर समाजसेवी हीरो ज्ञानचंदानी ने कहा कि संतजी की कृपा दृष्टि से मुझे सेवा कार्य करने का मौका मिला है सेवा दिल से करनी चाहिए अहंकार भाव से नहीं। रामधुनी लगाने का भी यही उद्देश्य है कि हम सेवा कार्यों सक जुड़े रहे और अपना जीवन सफल बनाएं।


20 दिसंबर को शुरू हुई थी रामधुनी

बता दे रामधुनी की शुरूआत 20 दिसंबर को हुई थी, जिसका समापन 26 दिसंबर को हुआ। रामुधनी के दौरान हजारों लोगों ने दिन-रात राम नाम की रट लगाकर मानव कल्याण की कामना की। साधु वासवानी स्कूल प्रांगण हरे राम, राम-राम, हरे राम नाम से गूंजता रहा। दिन में महिलाओं और शाम से सुबह तक पुरूषों ने नाम का नाम लिया।


पवित्र हो गया रामधुन स्थल

शिक्षाविद्  विष्णु गेहानी  ने कहा कि साधु वासवानी विद्यालय में अखंड रामधुन लगायी जाती है, रामधुन लगने से यह स्थान पवित्र हो गया है। आज के दिन हम सभी यह संकल्प लें कि अपने घर में मंदिर बनाकर परिवार के साथ मिलकर रामधुन लगाएंगे।

अहंकार कभी न करें

समाजसेवी राजू भाई ने कहा कि रामनाम की धुन संत हिरदाराम साहिब जी द्वारा हमें प्राप्त हुई है उन्होंने हमें यही संदेश दिया है कि जप, तप, सेवा करें पर अहंकार कभी न करें क्योंकि अहंकार न करने से व संयम रखने से गुरु नानक देव जी हमें इसी जन्म में दर्शन देते हैं। रामधुनी के संचालक  अनिल चोटरानी ने रामरट लगाने वाले हजारों श्रद्धालुओं को आभार जताया।

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