राजधानी भोपाल में भू माफियो की मन मानी जाने पूरा मामला
राजधानी भोपाल में भू-माफियाओं की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। शहर के एक बिल्डर द्वारा बैंकों से सांठगांठ कर एक ही फ्लैट तीन अलग-अलग व्यक्तियों को लोन पर बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। तीन में से दूसरे नंबर पर फ्लैट खरीदने वाले हिमाद्रि पॉल अब बिल्डर और बैंक मैनेजर की शिकायत लेकर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। हिमाद्रि पॉल ने बताया कि उनकी पहचान बिल्डर रमेश कुशवाहा से हुई थी। बिल्डर ने कोलार क्षेत्र में उन्हें पहले से बेचा हुआ फ्लैट दिखाया जिसपर नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक से लोन चल रहा था। इस बात को छुपा कर। बिल्डर रमेश कुशवाह ने भरोसा दिलाया कि बैंक अधिकारियों से उनकी पहचान है वह आपका लोन जल्दी करवा देंगे। बिल्डर के झांसे में आकर हिमाद्री फ्लैट लेने को तैयार हो गए। उन्होंने तत्कालीन आंध्र बैंक जो अब यूनियन बैंक के साथ मर्ज हो गई है से 20 लख रुपए का लोन लिया और 6 लाख रुपए नगदी जमा कर दिए। बिल्डर ने उन्हें अलॉटमेंट लेटर दे दिया। लेकिन हिमाद्री तबीयत ठीक नहीं होने के चलते उस समय फ्लैट में पोजीशन नहीं ले पाएं। और किस्त भरते रहे,उसके बाद हिमाद्री की तबीयत बिगड़ गई उन्होंने अपना गोल्ड गिरवी रखकर किस्त भरी। इस बीच मोका पाकर बिल्डर रमेश कुशवाहा ने उसी फ्लैट को किसी अन्य व्यक्ति को बेचकर रजिस्ट्री करवा कर उन्हें पोजीशन दे दी। जब हिमाद्री अपने फ्लैट पर पहुंचे तो तीसरे व्यक्ति ने उस फ्लैट को अपना बताया। जांच पड़ताल की गई तो रमेश कुशवाहा की पोल पट्टी खुल गई। जिसमें सामने आया कि रमेश कई बार लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कर चुका है। हिमाद्री ने कहा कि घर में उत्पन्न हुए तनाव से उनकी बेटी की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने मुख्य्मंत्री सहित पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन देकर बिल्डर रमेश कुशवाहा के साथ आंध्र बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सहित अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
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