गिद्ध पर्यावरण के लिए नि:शुल्क सफाई कर्मचारी हैं , इको सिस्टम को रखते हैं स्वच्छ

दूसरे दिन गणना में पाएं गए 549 गिद्ध
अनमोल संदेश, औबेदुल्लागंज
गिद्ध एक ऐसा पक्षी है जो अपने खानपान की आदतों के कारण पारिस्थितिकी तंत्र (ईको सिस्टम) के लिए ज़रूरी है। गिद्ध जंगल में अपने शिकार के अलावा सड़ा-गला मांस भी खाता है। गिद्ध जंगल में सड़े-गले मांख को खाकर उनके बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो अन्य वन्यप्राणियों में बीमारी फैला सकते हैं। इसमें पचाने की क्षमता बहुत अधिक होती है और यह बैक्टीरिया को भी पचा जाता है। इसलिए गिद्ध जंगल के ईको सिस्टम को सही रखता है। इसलिए गिद्ध को वन विभाग द्वारा जंगल को नि:शुल्क सफाईकर्मी भी कहा जाता है। प्रकृति को इतनी बेहतरीन सेवा देने के बाद भी जंगलों में हर साल इसकी कमी देखी जा रही है। इसलिए सरकार हर साल इनकी गणना कराती है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि जंगलों में गिद्ध की कमी होती है तो जंगलों में सड़े मांस से कई बीमारियां फैल सकती है, इसलिए गिद्ध को लेकर वन विभाग गंभीर है।
गणना में दूसरे दिन पाए 549 गिद्ध
वन मंडल औबेदुल्लागंज में गिद्धों की गणना जारी है। दूसरे दिन सुबह छह बजे से 500 वन कर्मियों की टीम जंगल में फिर निकली और उनकी नौ बजे तक गणना की। दाहोद वन परीक्षेत्र अधिकारी कार्तिकेय शुक्ला ने बताया कि दूसरे दिन दस वन परीक्षेत्रों में 549 गिद्ध पाए जाने के आंकड़े आए हैं। बुधवार को गणना का अंतिम दिन है।
इनका कहना है...
गिद्ध जंगल के पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत जरूरी है, यह जंगल में पड़ा हुआ सड़ा-गला मांस खाकर जंगल की सफाई करते हैं, यह सही मायनों में जंगल के सफाईकर्मी हैं। गिद्ध जंगल के लिए बहुत जरूरी हैं।
- सुनील भारद्धाज, अधीक्षक, रातापानी अभयारण्य औबेदुल्लागंज।
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