हिंदुस्तान के दिल "मध्य प्रदेश" में निवेश को लेकर अपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को साकार करने में प्रदेश के मुखिया मोहन यादव निरंतर जुटे हुए हैं। छोटे शहर से लेकर विश्व के प्रमुख देशों तक प्रदेश का परचम लहराने और निवेश की संभावनाओं को साकार करने का मोहन का प्रयास अब सफल नजर आने लगा है। इसी क्रम में औद्योगिक विकास के प्रयासों में नर्मदापुरम को अपार सफलता मिली है। नर्मदापुरम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव के अंतर्गत औद्योगिक विकास के नए सफर पर अब "एमपी" निकल चुका है। अब यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि "मोहन" स्वर्णिम मध्य प्रदेश के सपने को साकार कर रहे हैं। नर्मदापुरम में आयोजित कॉन्क्लेव में 18 हजार करोड़ निवेश से 24 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का मार्ग खुला है। मोहन के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई समूचे नर्मदापुरम के विकास का केंद्र बनेगा। सतपुड़ा का यह क्षेत्र आज नया इतिहास रचने जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से नर्मदापुरम आरआईसी में अपार सफलता प्राप्त हुई है। आरआईसी से मोहासा-बाबई सौर ऊर्जा पार्क की भूमि 227 एकड़ से बढ़कर 884 एकड़ हो गई है।मोहासा-बाबई नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में नया इतिहास रचने जा रहा है। इस औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों द्वारा लगभग 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। इससे सोहागपुर, इटारसी, सिवनीमालवा, पिपरिया, पचमढ़ी के स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा और रोजगार के लिए होने वाला पलायन इन क्षेत्रों से रुकेगा। आरआईसी में किये जा रहे निवेश के कारण महज 2 से 3 वर्षों में ही संपूर्ण नर्मदापुरम क्षेत्र का आर्थिक परिदृश्य बदलेगा। नर्मदापुरम की कर्मशील जनता औद्योगिक विकास में सहायक बनेगी। नर्मदापुरम वन संपदा, भू-संपदा, बेहतर रोड और रेल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के साथ औद्योगिक विकास के लिए सबसे अनुकूल हैं।