हर बार की घटनाओं की तरह सिमट कर ना रह जाए वल्लभ भवन की आगजनी का मामला

The case of arson of Vallabh Bhavan should not remain limited like every other incident.

Mar 10, 2024 - 00:46
 0  1
हर बार की घटनाओं की तरह सिमट कर ना रह जाए वल्लभ भवन की आगजनी का मामला

कई बार घटना हुई घटित, बनी जाचं कमेटिया,लेकिन नतीजा सिफर 
मंत्रालय के कैमरे ही खराब कैसे होगी जाचं क्या जांच के नाम पर होगी रस्मअदायगी 

 

रामानंद तिवारी                                  

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की चाकचौबंद व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने वाले ब्यूरोक्रेट्स कहीं ना कहीं अपने अधीनस्थ अफसरों की कछुआ चाल से चलने वाली कार्य प्रणाली के चलते सवालिया निषान के घेरे में खड़े हो रहे है।शनिवार को मंत्रालय में आग क्या लगी सरकार के मुखिया ने फरमान जारी कर कहा, मंत्रालय में हुई भीषण आगजनी की जांच करवाई जाएगी, और आनन-फानन में एक 7 सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। राज्य सरकार कोई भी ज्वलंत घटना के घटित होने के बाद तत्काल जांच कमेंटी का गठन कर देती है। जांच कमेंटी भी अपना कार्य रस्मअदायगी के साथ मुस्तैदी से कर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप देती है। घटना के समय तो अफसर और सरकार सजग रहते है और घटना के कुछ समय बाद जैसा की अक्सर होता आया है कि मामला ठंडा होते ही फाईलों में सिमट कर रह जाता है।  


कैसे होगी जांच जब कैमरे ही खराब

मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग के कैमरे खराब हैं। पिछले एक साल से कैमरों के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही थीए लेकिन जीएडी के अफसरों ने इसे गंभीरता से ही नहीं लिया। उन्होंने मंत्रालय की सुरक्षा को भी ताक पर रखा था। खास बात यह है कि मंत्रालय में शराबखोरी की घटना के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने लिखित तौर पर बताया कि पुराने भवन के कैमरे खराब हैं।


गौरतलब है कि पिछले महीने सतपुड़ा भवन में दूसरी बार आग लगने के बाद मंत्रालय में मॉक ड्रिल की गई थी। जहां मॉक ड्रिल की गई थी। उसी स्थान पर आग लगी। आग की विकरालता को देखते हुए भोपालए रायसेन,विदिशा के अलावा एयरपोर्ट,भेल और सेना की 100 से अधिक दमकलें और टैंकर आग बुझाने में लगाए गए। इस दौरान सेना के जवानों ने बिल्डिंग पर चढक़र आग बुझाई। हालांकि अभी आग लगने के कारण भी स्पष्ट नहीं हुआ है। फिलहाल शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने घटना की जांच के आदेश दिए है। 


जैसा कि अक्सर होता है प्रदेष में कोई भी घटना घटित होती है तब विपक्ष भी अपना राजनीतिक पैतरा फैककर अपनी आमद दर्ज करवातेे हुए सरकार को घेरने की कोषिष करता है। दोपहर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार वल्लभ भवन पहुंचे। इस मौके पर जीतू पटवारी ने कहा कि यह आग लगी नहींए बल्कि भाजपा सरकार द्वारा लगवाई गई है। आखिर वल्लभ भवन और सतपुड़ा में चार बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन किसी भी घटना की जांच क्यों नहीं कराई गई। इस दौरान वल्लभ भवन परिसर में अंदर जाने से रोके जाने पर दोनों नेताओं की सुरक्षाकर्मियों से बहस भी हुई और वे गेट पर ही धरने पर बैठ गए।


दिलचस्प बात यह है कि पूर्व में दो बार सतपुड़ा भवन में लाग लग चुकी है। इसके बावजूद कोई ठोस निर्णय जिम्मेदार अफसरों ने नहीं लिया और अब वल्लभ भवन में आग लग गई और वहीं तकियाकलाम ष्षुरू हो गया कि जांच होगी और दोषियों पर कार्यवाही होगी। वल्लभ भवन में लगी इस आग ने पिछले साल सतपुड़ा भवन में आग की विभीषिका की याद दिला दी। 12 जून 2023 को वल्लभ भवन के नजदीक स्थित सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई थी। उस आग पर अगले दिन जाकर काबू पाया जा सका था। आग को काबू पाने में 20 दमकलें लगी थी। पिछले साल आग से स्वास्थ्य विभाग का रिकॉर्ड नष्ट हो गया। पिछले महीने लगी आग में भी कई विभागों का रिकॉर्ड खराब हुआ। खास बात यह है कि आगजनी से कुछ दिन पहले ही विभागों ने रिकॉर्ड सतपुड़ा भवन शिफ्ट किया था।

राज्य सरकार में पदस्थ जिम्मेदार अफसर इन घटनाओं से सबक कब लेंगे। इसके लिए कोई ठोस पॉलिसी क्यों नहीं बनातें और कोई पॉलिसी यदि बना भी ली तो उसकी मॉनिटरिंग क्यों लचर है। यदि ऐसा ही होता रहा कि घटनाएं घटित होती रही और जांच कमेंटी बनती रही। तो वह दिन दूर नहीं की प्रदेष में कई सरकारी दफतर है। कहीं ऐसा ना हो कि कोई बढ़ी अनहोनी हो जाए। इसलिए समय पर सजगता के साथ आगजनी की घटना से सरकारी कार्यालयों को सुरक्षित करने के लिए राज्य सरकार एवं अन्य जिम्मेदार अफसरों द्वारा पॉलिसी बनाकर उसकी ठोस मानिटरिंग की आवष्यकता है। जिससे कोई बढ़ी घटना षासकीय कार्यालयों में ना घटें।

Files

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow