मांगों को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी

Feb 8, 2025 - 01:00
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मांगों को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी

51 मांगों को लेकर भोपाल में प्रदर्शन शुरू, 16 फरवरी को होगी महारैली

अनमोल संदेश, भोपाल

51 मांगें पूरी और समस्याएं हल कराने के लिए मध्य प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी सडक़ पर उतर आए हैं। मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। मोर्चा ने चार चरण का आंदोलन घोषित किया है। जिसके तीसरे चरण में शुक्रवार को कर्मचारियों ने भोपाल में मंत्रालय एवं सतपुड़ा भवन के सामने और जिलों में कलेक्टोरेट के सामने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने साफ कहा कि इस बार अनदेखी से काम नहीं चलेगा। 

सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन आगे बढ़ेगा। मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी कहते हैं कि आंदोलन का चौथा चरण 16 फरवरी को है। इसके बाद सरकार के रुख को देखते हुए हम आगे की रणनीति तैयार करेंगे। वे कहते हैं कि आंदोलन को लेकर कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह है और इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। मोर्चा के संयोजक महेंद्र शर्मा कहते हैं कि हमारी तैयारी कलमबंद हड़ताल से ऑफिसों में तालाबंदी तक की है। जरूरत पड़ी, तो यह होगा पर कब क्या किया जाएगा, इसका निर्णय समय-समय पर लेंगे।

आंदोलन के चौथे चरण में 16 फरवरी को भोपाल में महारैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेशभर से मोर्चा के पदाधिकारी शामिल होंगे। यह रैली आंदोलन की दिशा तय करेगी। हालांकि इसे रोकने के प्रयास भी अभी से होने लगे हैं। कर्मचारी तुलसी नगर स्थित आंबेडकर पार्क में सभा करेंगे और मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। आंदोलन के तीन चरणों तक सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने से कर्मचारियों ने नाराजगी बढ़ती जा रही है। वे कहते हैं कि सरकार को यह भी बताना पड़ेगा कि कर्मचारियों का आज भी मध्य प्रदेश और यहां की राजनीति में वजूद है।


 कर्मचारियों की प्रमुख मांगें....

अधिकारियों एवं कर्मचारियों की साल 2016 से बंद पदोन्नति प्रारंभ करें और पात्रता दिनांक से पदोन्नति दें।

विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यरत लिपिकों को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान 1 अप्रैल 2006 से दें।

गृह भाड़ा भत्ता, वाहन भत्ता एवं अन्य भत्तों का पुनरीक्षण सातवें वेतनमान में करें।

अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त सहायक ग्रेड-3 की निर्धारित समयावधि में सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं करने पर सेवा समाप्त न करें और जिनकी सेवाएं समाप्त कर दीं उन्हें पुन: सेवा में लें। 

अपात्रता की शर्त को विलोपित कर सीपीसीटी की शर्त को विलोपित/सरलीकरण करें।

1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करें। एनपीएस पात्रताधारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु हो गई है, के आश्रित को परिवार पेंशन दें।

सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड-पे कम्प्यूटर आपरेटर के समान 2400 रुपए किया जाए।

जुलाई 2024 से लंबित 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता एरियर्स सहित देय तिथि से दें।

सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाई जाए।

प्रदेश के अधिकारियों, कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम-मंडल में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दें या आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाएं।

भृत्य का पदनाम परिवर्तित कर कार्यालय सहायक करें एवं उनका ग्रेड पे 1300 के स्थान पर 1800 करें।

टैक्सी प्रथा बंद करें और विभागों में रिक्त वाहन चालक के पदों पर भर्ती तत्काल प्रारंभ करें। पूर्व में समर्पित पदों को पुनर्जीवित करें।

मंत्रालय के तकनीकी कर्मचारियों/ स्टेनो टायपिस्ट को तीसरे समयमान वेतनमान का लाभ दें।

समस्त निगम-मंडल, बोर्ड, परिषद, प्राधिकरण में नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं (स्वत:) लागू की जाएं।

प्रदेश के पेंशनरों को राज्य के नियमित कर्मचारियों के समान देय तिथि जनवरी 2024 से महंगाई राहत दें। मंहगाई राहत के एरियर की राशि का भुगतान देय तिथि से करें।

पेंशनरों के लिए राज्य पुनर्गठन की धारा 49 (6) का बंधन समाप्त करें। ताकि उन्हें देय तिथि से ही पेंशन/महंगाई राहत मिल सके। 6वें वेतनमान के 32 माह के एरियर एवं 7वें वेतनमान के 27 माह के एरियर का भुगतान करें। केन्द्र के समान पेंशन नियम 1976 में संशोधन कर अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यागता पुत्री को आजीवन परिवार पेंशन आदेश जारी करें।

सहायक शिक्षक, शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को 35 वर्ष की सेवा उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान दें। नवीन शिक्षक संवर्ग (अध्यापक संवर्ग) को प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दें और राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति शब्द विलोपित कर संविलियन शब्द जोड़ें।

गुरूजी संवर्ग से नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों की सेवा की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक वर्ष 1997-98 से कर क्रमोन्नति, पदोन्नति और वेतन का लाभ दें। 26-27 वर्षों से प्राथमिक शिक्षक पद की योग्यता रखते हैं, को सेवा में निरंतर वृद्धि के प्रावधानों के तहत प्राथमिक शिक्षक बनाने की प्रक्रिया शुरू करें।

-सीधी भर्ती के रिक्त पदों को तत्काल भरें एवं रिक्त पदों पर की गई नई नियुक्तियों में स्टायपेंड 70, 80 एवं 90 प्रतिशत के स्थान पर नियुक्ति दिनांक से संबंधित पदों का वेतनमान एवं अन्य लाभ दें।

-समस्त विभागों में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं, निगम-मंडल, स्वशासी समितियों, उपक्रमों, विश्वविद्यालयों, सहकारी बैंकों में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों को विभागों में रिक्त पदों पर सीधे संविलियन करें। संविदा कर्मचारियों को जहां कार्यरत हैं वहीं नियमित पदों का निर्माण कर नियमित वेतनमान एवं अन्य भत्ते दें।

-शेट्टी वेतन आयोग से विभिन्न संवर्ग के वेतनमानों में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण करें। आयोग की अनुशंसा अनुसार सभी कर्मचारियों को एक हायर पे स्केल का लाभ दें। वाहन चालक का पदनाम परिवर्तित कर पायलेट/व्हीकल आपरेटर करें।

-अधीनस्थ जिला न्यायालय के कर्मचारियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए देय अग्रिम वेतनवृद्धि का लाभ दें। न्यायिक अधिकारियों की भांति लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को भी निजी चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधा दें।

-न्यायालय के चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को वर्दी भत्ते का नगद भुगतान करें। आदेशिका वाहक को 25 लीटर पेट्रोल भत्ता दें।

-अर्हतादायी पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर केन्द्र एवं अन्य राज्यों के समान 25 वर्ष करें। ग्रेज्युटी का भुगतान केन्द्र के समान करें।

-स्थाईकर्मियों को 7वें वेतनमान का लाभ दें। दैनिक वेतन भोगी, आउटसोर्स को नियमित कर अंशकालीन कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ऊषा कार्यकर्ता, सहयोगी, कोटवार को नियमित करें। ग्राम रोजगार सहायकों को सहायक सचिव के पद पर जिला संवर्ग घोषित कर नियमित करें।

-कार्यभारित कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद नियमित कर्मचारियों के समान 300 दिन के अवकाश नगदीकरण का लाभ दें।

-भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की भांति 1 जनवरी से 30 जून के मध्य सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ दें। वित्त विभाग के परिपत्र में संशोधन कर प्रशासकीय स्वीकृति के स्थान पर विभागाध्यक्ष /सक्षम अधिकारी करें।

-35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कई विभागों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हें भी दें। निर्माण विभागों में समयमान वेतनमान प्राप्त करने के लिए विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता समाप्त कर अन्य विभागों की भांति समयमान वेतनमान दें।

-प्रदेश के सभी विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण करें एवं नियमों का सरलीकरण कर शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए डीएड पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता समाप्त करें।

-उपयंत्री संवर्ग का ग्रेड पे 3600 में लोक सेवा आयोग की शर्त को विलोपित करें। पंचायत सचिवों का 5वे एवं 6वें वेतनमान में सेवाकाल की गणना नियुक्ति दिनांक से कर पंचायत विभाग में संविलियन करें।

-वन विभाग, राजस्व विभाग या अन्य किसी विभाग के शासकीय सेवकों की बिना जांच हुए आपराधिक प्रकरणों के तहत गिरफ्तारी न करें।

-आरक्षक (पुलिस) का ग्रेड पे 1900 को संशोधित कर 2400 करें। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों का शीघ्र निराकरण करें।

-खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों का ग्रेड पे 3600 एवं सहायक आपूर्ति अधिकारी का ग्रेड पे 4200 करें।

-तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के समान 6 वर्ष की सेवा उपरांत उच्चतर समयमान वेतनमान दें। 10 वर्ष की सेवा उपरांत अखिल भारतीय सेवा (चयन से भर्ती) नियम 1951 के तहत आईएएस अवार्ड के लिए डीपीसी में शामिल करें।

-नायब तहसीलदारों को 5 वर्ष के उपरांत विभागीय परीक्षा के माध्यम से राज्य प्रशासनिक सेवा के पद पर पदोन्नति के अवसर दें।

-राजस्व विभाग में तहसीलदारों का ग्रेड पे 5400, नायब तहसीलदारों का ग्रेड पे 4800, राजस्व निरीक्षकों का ग्रेड पे 3600 और पटवारियों का ग्रेड पे 2800 करें।

-अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वानों को नियमित करें एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित कर आउटसोर्स प्रथा को समाप्त करें।

-उपयंत्री संवर्ग को 28वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर कार्यपालन यंत्री के पद का वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं उन्हें सहायक यंत्री का पदनाम दें। --35 वर्ष की सेवा उपरांत उपयंत्री संवर्ग को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ देने जिग्री की अनिवार्यता को समाप्त करें।

-शीघ्रलेखकों का वेतनमान उन्नत करें। विभिन्न संवर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी, कलाकार, महिला बाल विकास सुपरवाईजर, पॉलीटेक्निक एवं उच्च शिक्षा के प्रयोगशाला तकनीशियन, वनरक्षक, वनपाल संवर्ग सहित अन्य विभागों के संवर्गों में व्याप्त वेतनमान की विसंगतियां दूर करें।

-वित्त विभाग के परिपत्र 14 अगस्त 2023 में चतुर्थ समयमान वेतनमान की कंडिका-3 विलोपित कर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को समान रूप से चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ दें।

-हैंडपंप तकनीशियन की वेतन विसंगति दूर कर 5वें वेतनमान अनुसार 4000-6000 करें। 

-नियुक्ति दिनांक से प्रभावशील वेतनमान 1150-1800 मान्य कर पुनर्नियमन की कार्यवाही को समाप्त करें। अवकाश नगदीकरण की सुविधा दें। कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित करें।

-तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउटसोर्स की भर्ती न करें। स्थाई कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान वर्ष 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी का दर्जा दें।

-पुलिस विभाग के समान, राजस्व एवं जेल विभाग के कर्मचारियों को भी 13 माह का वेतन, पौष्टिक आहार भत्ता, गणवेश भत्ता, नवीनीकरण भत्ता दें। जेल विभाग के लिपिक कर्मियों को भी उच्च पद का प्रभार दें।

-वर्ष 2016 से पदोन्नतियां नहीं की जा रही है, पदोन्नति प्रारंभ होने तक सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार दें।

-वित्त विभाग, कोषालय के अधीनस्थ लेखा सेवा संवर्ग के सदस्यों को राजपत्रित त्रिस्तरीय वेतनमान, चयन के माध्यम से क्रमोन्नति, वेतन विसंगति का निराकरण करें।

-प्रशिक्षित जन आरोग्य मित्रों की सेवाएं आरोग्य केन्द्रों में लें। उन्हें डिजास्टर मैनेजमेंट टीम में शामिल करें।

आठवें वेतन आयोग का गठन तत्काल करें।

-मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे को पत्राचार की मान्यता दें। कार्यालय के लिए राजधानी में एक ई-टाइप शासकीय आवास आवंटित करें। मंत्रालय में एक कक्ष आवंटित करें।

-बांध निरीक्षक अन्य संवर्गों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के उपरांत सहायक अनुसंधान अधिकारी पदनाम दें।

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