इस बार एमपी बोर्ड का ओवरऑल रिजल्ट 58.10 प्रतिशत रहा, बेस्ट ऑफ फाइव समाप्त, 10वीं के सभी विषयों में होना होगा पास

Apr 29, 2024 - 11:48
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इस बार एमपी बोर्ड का ओवरऑल रिजल्ट 58.10 प्रतिशत रहा, बेस्ट ऑफ फाइव समाप्त, 10वीं के सभी विषयों में होना होगा पास

अनमोल संदेश, भोपाल

इस साल मप्र बोर्ड 10वीं का परिणाम 58.10 प्रतिशत रिजल्ट रहा। वहीं, पिछले साल 63.29 प्रतिशत रहा था। इस साल बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू होने के बाद भी 5.19 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं, सत्र 2024-25 से 10वीं से बेस्ट आफ फाइव योजना समाप्त की जा रही है। अब 10वीं के परिणाम में और भी गिरावट की संभावना है।

परिणाम में सुधार के लिए स्कूल शिक्षा विभाग इस सत्र से पिछले साल से पांच प्रतिशत कम परिणाम आया है। वहीं, स्कूृल शिक्षा विभाग इस सत्र से बेस्ट आफ फाइव योजना को समाप्त कर रहा है। अब ऐसे में विभाग इस बार नौवीं से ही शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए विशेष रणनति अपनानी होगी। 

अधिकारियों ने बताया कि इस बार 10वीं में विद्यार्थियों पर अधिक ध्यान देना होगा। इस सत्र से 10वीं में विद्यार्थी अगर एक भी विषय में फेल होता है तो उसे पूरक दी जाएगी। बता दें, कि 10वीं में हर साल करीब 10 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। इस योजना को शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य परिणाम में सुधार करना था, लेकिन इससे कठिन विषय गणित व अंग्रेजी में विद्यार्थी पिछड़ रहे थे।

सभी छह सब्जेक्ट रहेंगे शामिल

अभी तक माशिमं ने बेस्ट फाइव योजना को लागू किया था। इसके तहत छह विषय में पांच विषय में पास होने पर विद्यार्थी को पास कर दिया जाता था। इसे छह साल पहले लागू किया था। अब इस योजना के बंद होने के बाद 10वीं के विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में पास होना जरूरी होगा। अंकसूची में वे विषय शामिल होते थे जिनमें अंक सबसे ज्यादा होते थे। सर्वाधिक पांच अंक लाने वाले विषयों के नंबर जोड़कर रिजल्ट तैयार किया जाता था। अब इस सत्र से अंकसूची में सभी छह विषय और अंक शामिल रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि नौवीं की वार्षिक परीक्षा के सभी विषयों का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें सबसे कमजोर विषयों को चिन्हित किया जाएगा।  वहीं 10वीं में भी बेस्ट आफ फाइव का लाभ जिन विषयों में विद्यार्थियों को मिला है। उन विषयों पर अधिक शिक्षक फोकस करेंगे।

अभी तक माशिमं ने बेस्ट फाइव योजना को लागू किया था। इसके तहत छह विषय में पांच विषय में पास होने पर विद्यार्थी को पास कर दिया जाता था। इसे छह साल पहले लागू किया था। अब इस योजना के बंद होने के बाद 10वीं के विद्यार्थियों को सभी छह विषयों में पास होना जरूरी होगा। अंकसूची में वे विषय शामिल होते थे जिनमें अंक सबसे ज्यादा होते थे। सर्वाधिक पांच अंक लाने वाले विषयों के नंबर जोड़कर रिजल्ट तैयार किया जाता था। अब इस सत्र से अंकसूची में सभी छह विषय और अंक शामिल रहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि नौवीं की वार्षिक परीक्षा के सभी विषयों का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें सबसे कमजोर विषयों को चिन्हित किया जाएगा।  वहीं 10वीं में भी बेस्ट आफ फाइव का लाभ जिन विषयों में विद्यार्थियों को मिला है। उन विषयों पर अधिक शिक्षक फोकस करेंगे।

10वीं के परिणाम का बारीकि से विश्लेषण किया जा रहा है। कहां खामी रही है उस पर काम करेंगे। अभी भी कोविड काल के बच्चों के लर्निंग लास को कवर किया जा रहा है। इस सत्र से बेस्ट ऑफ फाइव समाप्त हो रहा है तो नौवीं कक्षा से ही विशेष तैयारी करानी होगी। तभी सुधार  संभव है।

-रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

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